पेशावर/डेरा इस्माइल खान, नौ जनवरी (एपी) पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने बृहस्पतिवार सुबह देश के अशांत उत्तर-पश्चिम में चरमपंथियों द्वारा अपहृत 16 खदान श्रमिकों में से कम से कम आठ को मुक्त करा लिया है। पुलिस और दो सुरक्षा अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
पुलिस अधिकारी मोहम्मद एजाज ने बताया कि सुरक्षा बलों ने यह अभियान अफगानिस्तान की सीमा से लगे खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के लक्की मरवात जिले में एक संकरी सड़क पर चरमपंथियों द्वारा श्रमिकों के वाहन पर घात लगाकर हमला किए जाने के कुछ घंटों बाद शुरू किया।
एजाज ने बताया कि हमला उस समय हुआ जब ये लोग लक्की मरवात से पास एक खनन परियोजना स्थल की ओर जा रहे थे। उन्होंने और कोई जानकारी नहीं दी।
अन्य सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि जिस खनन परियोजना में ये लोग काम करते थे, वह पाकिस्तान परमाणु ऊर्जा आयोग से संबंधित है लेकिन अपहृत कर्मचारी आयोग के कर्मचारी नहीं हैं।
उन्होंने बताया कि शेष श्रमिकों को मुक्त कराने के लिए अभियान अब भी जारी है।
यह स्पष्ट नहीं है कि इन लोगों का अपहरण करने वालों में से कोई हताहत हुआ है या नहीं। आयोग ने किसी अधिकारी ने इस मामले में फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं दी है।
यह ताजा घटनाक्रम तब सामने आया है जब चरमपंथियों ने पत्रकारों को एक वीडियो भेजा जिसमें कुछ अपहृत मजदूर दिख रहे हैं। वीडियो में एक व्यक्ति अधिकारियों से रिहाई के लिए अपहरणकर्ताओं की मांग को स्वीकार करने का आग्रह करता दिखाई दे रहा है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि वे मांगें क्या हैं।
किसी भी समूह ने अपहरण की जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) पर संदेह है जो इस क्षेत्र में सक्रिय है और पहले भी इस तरह की घटनाओं में लिप्त रहा है।
टीटीपी को अल-कायदा का करीबी माना जाता है और 2007 में यह कई आतंकवादी संगठनों को मिला कर बना था। इस संगठन को पाकिस्तान में कई घातक हमलों के लिए जिम्मेदार माना जाता है।
पुलिस ने बृहस्पतिवार को बताया कि यह ताजा हमला ऐसे समय हुआ है जब एक दिन पहले ही दर्जनों सशस्त्र बलूच अलगाववादियों ने दक्षिण-पश्चिमी पाकिस्तान के एक सुदूर जिले में एक सरकारी कार्यालय पर कब्जा कर लिया था, एक बैंक को लूट लिया था तथा एक पुलिस थाने को आंशिक रूप से जला दिया था। इसके बाद सुरक्षा बलों के पहुंचने पर वे भाग गए।
प्रतिबंधित बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने बुधवार को बलूचिस्तान के खुजदार में हुए इस हमले की जिम्मेदारी ली है। विश्लेषकों का कहना है कि ये अलगाववादी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए पाकिस्तानी तालिबान जितना ही बड़ा खतरा बन रहे हैं।
एपी सिम्मी प्रशांत
प्रशांत
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