इस्लामाबाद। विश्वभर में कोरोना वायरस के संक्रमण के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में लॉकडॉउन को दूसरे देश तेजी से अपना रहे हैं। लेकिन पाकिस्तान इससे अछूता है। पाक सरकार कट्टरपंथियों के आगे बेबस है और उनसे नाराजगी नहीं मोल लेना चाहती। पाकिस्तान में शुक्रवार तक कोरोना वायरस से 10 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है और 1200 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।
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दुनिया भर में कोरोना वायरस के खतरे के चलते हुए ईरान, सऊदी अरब और तुर्की जैसे देशों ने मस्जिदों में होने वाली नमाज से लेकर सभी तरह के जलसे पर रोक लगा दी है. लेकिन पाकिस्तान में स्थिति ठीक इससे उलट है।
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रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना पाक में मौजूद लाखों की संख्या में चल रहे मदरसों और मस्जिदों में नमाज के लिए बैन लगाने के खिलाफ है। दरअसल, पाक सेना अफगानिस्तान और कश्मीर में भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों के लिए इन कट्टरपंथियों पर निर्भर है। इसीलिए वह इन पर रोक नहीं लगाना चाहती।
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जानकारों के मुताबिक, पाकिस्तान में चल रहे टेरर कैंपों में हजारों की संख्या में आए दिन युवाओं की भर्ती की जाती है और इन युवाओं की आतंकी संगठन में भर्ती के लिए कट्टरपंथी बड़ी भूमिका निभाते हैं। ऐसे वक्त में पाक सेना कट्टरपंथियों की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहती। यही वजह है कि वो इमरान सरकार के ऐसे किसी भी फैसले का विरोध कर रही है, जिसमें मस्जिदों पर बैन लगाने की कोशिश की जा रही हो।
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