हम सभी को नियमित त्वचा कैंसर की जांच की आवश्यकता नहीं, लेकिन स्वयं अपनी जांच की जा सकती है |

हम सभी को नियमित त्वचा कैंसर की जांच की आवश्यकता नहीं, लेकिन स्वयं अपनी जांच की जा सकती है

हम सभी को नियमित त्वचा कैंसर की जांच की आवश्यकता नहीं, लेकिन स्वयं अपनी जांच की जा सकती है

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Modified Date: December 28, 2024 / 04:26 PM IST
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Published Date: December 28, 2024 4:26 pm IST

(एच पीटर सोयर, कैटलिन हॉर्शम और मोनिका जांडा, क्वींसलैंड विश्वविद्यालय और ऐनी कस्ट, सिडनी विश्वविद्यालय)

ब्रिसबेन/सिडनी, 28 दिसंबर (द कन्वरसेशन) ऑस्ट्रेलिया विश्व में त्वचा कैंसर की सबसे अधिक दर वाले देशों में से एक है, जहां हर साल लगभग 19,000 ऑस्ट्रेलियाई लोगों में त्वचा कैंसर के सबसे खतरनाक प्रकार ‘मेलेनोमा’ का निदान किया जाता है।

मेलेनोमा तेजी से बढ़ता है और किसी भी अंग में फैलने की क्षमता रखता है। मेलेनोमा मेलेनोसाइट्स नामक त्वचा कोशिकाओं से आता है।

मेलेनोमा हालांकि घातक हो सकता है, लेकिन यदि इसका समय पर पता चल जाये तो इसका इलाज संभव है। ऑस्ट्रेलिया में नैदानिक दिशानिर्देश और स्वास्थ्य अधिकारी सामान्य आबादी में मेलेनोमा की जांच की अनुशंसा नहीं करते हैं।

दुनियाभर में ऑस्ट्रेलिया में कैंसर की सबसे अधिक दर को देखते हुए यहां कोई राष्ट्रीय जांच कार्यक्रम क्यों नहीं है? ऑस्ट्रेलिया में वर्तमान में स्तन, गर्भाशय-ग्रीवा और आंत्र कैंसर की जांच की जाती है तथा 2025 में फेफड़े के कैंसर की जांच भी शुरू की जायेगी।

यह सवाल कि क्या सभी लोगों की मेलेनोमा और अन्य त्वचा कैंसर के लिए जांच की जानी चाहिए, जटिल है। यहां जानिए क्यों।

वर्तमान दृष्टिकोण

प्रत्येक वर्ष 19,000 घातक मेलेनोमा के निदान के अतिरिक्त, लगभग 28,000 लोगों में ‘इन-सीटू’ मेलेनोमा का निदान किया जाता है।

‘इन सीटू’ मेलेनोमा नामक त्वचा कैंसर का सबसे प्रारंभिक चरण है। ‘इन सीटू’ का अर्थ है कि कैंसर कोशिकाओं को शरीर में कहीं और फैलने का मौका नहीं मिला है और ये त्वचा की सबसे ऊपरी परत (एपिडर्मिस) में ही रहती हैं।

पिछले वर्ष के दौरान लगभग तीन में से एक ऑस्ट्रेलियाई वयस्क व्यक्ति ने चिकित्सीय त्वचा जांच कराई है।

क्यों न सभी की त्वचा की जांच की जाए?

जांच का लक्ष्य रोग का शीघ्र पता लगाना है, जिससे इसका निदान करने में मदद मिलती है, लेकिन कुछ ऐसे कारण हैं, जिनकी वजह से राष्ट्रीय जांच कार्यक्रम अभी तक लागू नहीं किया गया है।

हमें पूछना होगा:

1. क्या इससे जीवन बचता है?

कई शोधकर्ता दलील देंगे कि जांच का लक्ष्य यही (जीवन बचाना) है, लेकिन त्वचा कैंसर जांच से मेलेनोमा के निदान में वृद्धि होने की संभावना है। जांच से कुछ ऐसे कैंसरों का पता चलेगा जिनके बारे में लोगों को पता न हो तो वे सुरक्षित रूप से उनके साथ रह सकते हैं।

2. क्या यह कार्यक्रम पैसों के लिए है?

राष्ट्रव्यापी जांच कार्यक्रम को लागू करने में महत्वपूर्ण निवेश और संसाधन शामिल हैं। स्वास्थ्य प्रणाली के लिए इसके मूल्य की गणना करने की आवश्यकता होगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग है।

बेहतर परिणामों के लिए संकीर्ण लक्ष्य

सभी की जांच करने के बजाय, उच्च जोखिम वाले समूहों को लक्षित करने से बेहतर परिणाम सामने आए हैं। इससे प्रयासों को उन जगहों पर केंद्रित किया जाता है जहां उनकी सबसे अधिक आवश्यकता होती है। त्वचा कैंसर के जोखिम कारकों में गोरी त्वचा, लाल बाल, ‘सनबर्न’ का इतिहास, कई मस्से और/या पारिवारिक इतिहास शामिल हैं।

शोध से पता चला है कि आम जनता मेलेनोमा की जांच के लिए जोखिम-अनुकूल दृष्टिकोण को स्वीकार करेगी।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) एल्गोरिदम त्वचा के घावों की छवियों का विश्लेषण कर सकते हैं तथा चिकित्सकों को निर्णय लेने में सहायता कर सकते हैं।

त्वचा कैंसर सभी प्रकार की त्वचा को प्रभावित कर सकता है, इसलिए अपनी त्वचा से परिचित होना एक अच्छा विचार है।

‘स्किन कैंसर कॉलेज ऑस्ट्रेलेशिया’ ने ‘स्कैन योर स्किन’ नामक एक गाइड प्रस्तुत की है, जिसमें त्वचा के धब्बों पर गौर करने के लिए कहा गया है:

1. घाव (पपड़ीदार, खुजलीदार, रक्तस्रावी, कोमल) और छह सप्ताह के भीतर ठीक न होना।

2. आकार, आकृति, रंग या बनावट में परिवर्तन।

3. ऐसे धब्बे जो आपकी त्वचा पर हाल ही में उभरे हैं। किसी भी नए तिल या धब्बे की जांच करानी चाहिए, खासकर यदि आपकी उम्र 40 से अधिक है।

यदि कुछ अलग लगे तो अपने डॉक्टर से मिलें।

आप मेलेनोमा इंस्टीट्यूट ऑस्ट्रेलिया या क्यूआईएमआर बर्घोफर मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट के माध्यम से मेलेनोमा खतरे का ऑनलाइन मूल्यांकन कर सकते हैं।

(द कन्वरसेशन)

देवेंद्र सुरेश

सुरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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