(सज्जाद हुसैन)
इस्लामाबाद, 10 जनवरी (भाषा) नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई मुस्लिम समुदायों में लड़कियों की शिक्षा पर होने जा रहे एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने के लिए सप्ताहांत में पाकिस्तान जाएंगी।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के अनुसार, मलाला 11-12 जनवरी को होने वाले दो दिवसीय सम्मेलन में मुख्य वक्ताओं में से एक होंगी। अक्टूबर 2012 में जीवन रक्षक उपचार के लिए ब्रिटेन जाने के बाद से मलाला की यह पाकिस्तान की तीसरी यात्रा होगी। वह अपने ऊपर हुए हमले के बाद पहली बार अक्टूबर 2022 में अपने गृहनगर जाने के लिए पाकिस्तान आई थीं।
मलाला की उम्र सिर्फ 15 साल थी, जब प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने लड़कियों की शिक्षा के लिए उनके अभियान को लेकर उनके सिर में गोली मार दी थी।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे और मुख्य भाषण देंगे। सम्मेलन के आयोजकों में से एक ने एक्सप्रेस ट्रिब्यून को बताया कि मलाला ने सम्मेलन में अपनी भागीदारी की पुष्टि की है और वह मुस्लिम समुदायों में लड़कियों की शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए मुख्य भाषण देंगी।
संघीय शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण मंत्रालय ‘‘मुस्लिम समुदायों में लड़कियों की शिक्षा : चुनौतियां और अवसर’’ विषय पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी करेगा। विदेश कार्यालय द्वारा यहां जारी एक बयान में कहा गया है कि यह वैश्विक शिखर सम्मेलन संवाद को बढ़ावा देगा और लड़कियों की शिक्षा में चुनौतियों का समाधान करने के लिए कार्रवाई योग्य समाधान खोजेगा।
सम्मेलन का समापन ‘इस्लामाबाद घोषणा’ पर औपचारिक हस्ताक्षर समारोह के साथ होगा, जिसमें शिक्षा के माध्यम से लड़कियों को सशक्त बनाने, समावेशी और सतत शैक्षिक सुधारों का मार्ग प्रशस्त करने और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक उज्जवल भविष्य के लिए मुस्लिम समुदाय की साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित किया जाएगा।
सम्मेलन के एजेंडे में से एक अफगानिस्तान में तालिबान सरकार द्वारा लड़कियों की शिक्षा पर लगाए गए प्रतिबंध पर चर्चा करना है। हालांकि अफगान स्थिति का कोई स्पष्ट संदर्भ नहीं है, लेकिन सूत्रों ने कहा कि संयुक्त घोषणा निश्चित रूप से लड़कियों की शिक्षा पर तालिबान के प्रतिबंध को खारिज कर देगी।
सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान ने सम्मेलन के लिए अफगान तालिबान सरकार को निमंत्रण दिया है लेकिन इस बात की कोई पुष्टि नहीं है कि वे कोई प्रतिनिधिमंडल भेजेंगे या नहीं।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के अनुसार, अफगानिस्तान के अंदर आतंकवादी ठिकानों को लेकर पिछले कई महीनों से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं।
इस कार्यक्रम में 44 मुस्लिम और मित्र देशों के मंत्रियों, राजदूतों, विद्वानों और शिक्षाविदों, यूनेस्को, यूनिसेफ और विश्व बैंक सहित अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों सहित 150 से अधिक अंतरराष्ट्रीय गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे।
भाषा मनीषा शोभना
शोभना
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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