जयशंकर और डार के बीच कोई औपचारिक बैठक नहीं हुई: पाकिस्तानी विदेश कार्यालय |

जयशंकर और डार के बीच कोई औपचारिक बैठक नहीं हुई: पाकिस्तानी विदेश कार्यालय

जयशंकर और डार के बीच कोई औपचारिक बैठक नहीं हुई: पाकिस्तानी विदेश कार्यालय

:   Modified Date:  October 25, 2024 / 11:35 AM IST, Published Date : October 25, 2024/11:35 am IST

(सज्जाद हुसैन)

इस्लामाबाद, 25 अक्टूबर (भाषा) पाकिस्तान ने कहा कि पिछले सप्ताह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सम्मेलन से इतर विदेश मंत्री एस जयशंकर और पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार के बीच कोई औपचारिक बैठक नहीं हुई।

विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने कहा, ‘‘बहुपक्षीय बैठकों के दौरान खासकर मेजबान और प्रतिभागी अतिथियों के बीच प्रतिनिधिमंडलों का एक-दूसरे का अभिवादन करना तथा दोपहर एवं रात्रि भोज के दौरान अनौपचारिक बातचीत करना आम बात है।’’

उन्होंने बृहस्पतिवार को यहां अपने साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘एससीओ सहित विदेश मंत्रियों के स्तर पर पाकिस्तान और भारत के बीच कोई औपचारिक बैठक नहीं हुई है।’’

जयशंकर पिछले सप्ताह एससीओ बैठक में भाग लेने के लिए पाकिस्तान गए थे। वह पिछले लगभग एक दशक में पाकिस्तान की यात्रा करने वाले भारत के पहले विदेश मंत्री हैं।

सूत्रों के अनुसार, अपनी यात्रा के दौरान जयशंकर और डार के बीच दो मौकों पर अनौपचारिक बातचीत हुई, लेकिन द्विपक्षीय संबंधों पर जर्मी बर्फ पिघलने का किसी तरह का कोई संकेत नहीं मिला।

बलोच ने कहा कि पाकिस्तान ने करतारपुर साहिब गलियारे के जरिए गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर, नरोवाल में भारतीय तीर्थयात्रियों की यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए भारत के साथ हुए समझौते को पांच साल के लिए नवीनीकृत किया है।

उन्होंने दोहराया कि पाकिस्तान कश्मीरी लोगों को राजनीतिक, कूटनीतिक और नैतिक समर्थन देना जारी रखेगा।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने ब्रिक्स की सदस्यता के लिए आवेदन किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि ब्रिक्स, समावेशी बहुपक्षवाद के लिए अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप कदम उठाते हुए पाकिस्तान के अनुरोध को स्वीकार करेगा।’’

बहरहाल, उन्होंने स्वीकार किया कि इस सप्ताह रूस के शहर कजान में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान को आमंत्रित नहीं किया गया था।

ब्रिक्स के मूल सदस्य ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका हैं और अब पांच अन्य सदस्यों मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को शामिल कर इसका विस्तार किया गया है।

भाषा

सिम्मी मनीषा

मनीषा

 

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