कोलंबो, पांच सितंबर (एपी) इस्लामिक स्टेट से प्रेरित होकर न्यूजीलैंड के सुपरमार्केट में खरीददारों पर चाकू से हमला करने वाले हमलावर की मां ने दावा किया कि उसके बेटे को सीरिया और इराक से आकर रह रहे पड़ोसियों ने चरमपंथी बनाया था। मां का कहना कि इन पड़ोसियों ने चोट से उबरने में उसकी मदद की थी।
हमलावर की पहचान श्रीलंकाई तमिल मुस्लिम अहमद समसुद्दीन (32) के तौर पर की गई है। वह 10 साल पहले छात्र वीजा पर न्यूजीलैंड गया था और स्वदेश में उत्पीड़न के आधार पर शरणार्थी का दर्जा देने का अनुरोध किया था। समसुद्दीन ने पिछले सप्ताह पांच लोगों की चाकू से गोदकर हत्या कर दी थी जबकि दो अन्य घायल हैं। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में उसे मार गिराया था।
समसुद्दीन की मां मोहमेदइस्लाइल फरीदा ने कहा कि उनके बेटे में चरपंथी प्रवृत्ति की शुरुआत वर्ष 2016 में विश्वविद्यालय में इमारत से गिरने के बाद से शुरू हुई। उन्होंने श्रीलंका स्थित अपने घर से फोन पर एक स्थानीय चैनल को दिए साक्षात्कार में बताया, ‘‘वहां उसका कोई नहीं था, केवल सीरिया और इराक के लोग थे जिन्होंने उसकी मदद की। ऐसा लगता है कि उन्होंने उसका ब्रेनवाश किया। इसके बाद वह फेसबुक पर पोस्ट डालने लगा।’’
फरीदा ने कहा,‘‘वह विदेश जाने के बाद ही बदला।’’
पुलिस के संज्ञान में वर्ष 2016 में आया कि समसुद्दीन ऑनलाइन आंतकवाद का समर्थन करता है जिसके अगले साल उसे ऑकलैंड हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि वह संभवत : सीरिया इस्लामिक स्टेट में शामिल होने के लिए जा रहा था। बाद में उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
मां ने बताया, ‘‘वर्ष 2017 की गिरफ्तारी के बाद वह बहुत कम बात करता था, वह करीब तीन महीने में एक बार फोन करता था।’’फरीदा ने बताया कि उनके दो अन्य बेटे इस घटना से बहुत नाराज थे और उसे डांटते थे।
एपी धीरज नरेश
नरेश
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