नई दिल्ली: कोरोना के डेल्टा वेरिएंट से अभी निजा मिली निजात मिली नहीं कि वायरस में हुए नए बदलाव ने डब्ल्यूएचओ की चिंता बढ़ा दी है। डब्ल्यूएचओ ने कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर दुनियाभर के देशों को चेतावनी दी है। दरअसल कोरोना के म्यू वेरिएंट के मरीज दुनिया के कई देशों में मिल रहे हैं। म्यू वेरियंट के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी है कि कोरोना का यह नया वैरिएंट कोविड-19 रोधी वैक्सीन के प्रति प्रतिरोध का संकेत दे रहा है।
म्यू नाम के इस वैरिएंट का वैज्ञानिक नाम बी.1.621 (B.1.621) है। संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी ने मंगलवार को महामारी पर अपने साप्ताहिक बुलेटिन में बताया कि पहली बार जनवरी 2021 में कोलंबिया में इसे पहचाना गया था। तब से इसके मामलों की छिटपुट रिपोर्ट आती रही हैं। बताया जाता है कि दक्षिण अमेरिका और यूरोप में इसके कुछ बड़े प्रकोप भी सामने आए हैं। यूके, यूरोप, यूएस और हांगकांग में भी म्यू वेरिएंट के मामले सामने आए हैं। इसे वैरिएंट आफ इंट्रेस्ट की श्रेणी में रखा गया है। कोरोना के इस नए वैरिएंट पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
हालांकि मौजूदा वक्त में म्यू वैरिएंट का वैश्विक प्रसार 0.1 फीसद से कम है लेकिन कुछ देशों में तेजी से फैल रहा संक्रमण दुनिया को डरा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक कोलंबिया में कोरोना के कुल मामलों में इसका प्रसार 39 फीसद और इक्वाडोर में 13 फीसद की दर से देखा जा रहा है। दुनिया के 39 देशों में इसको पाए जाने के बाद इसको 30 अगस्त को डब्ल्यूएचओ की निगरानी सूची में जोड़ा गया था। इसमें हुआ म्यूटेशन प्रतिरक्षा से बचने के गुणों की ओर इशारा करता है। म्यू वैरिएंट मार्च से डब्ल्यूएचओ की ओर से निगरानी किया जाने वाला कोरोना का पांचवा प्रकार है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी देते हुए कहा है कि इस वायरस में कई म्यूटेशन हुए हैं जो संकेत दे रहे हैं कि यह कोविड-19 रोधी वैक्सीन के प्रति ज्यादा प्रतिरोधी हो सकता है। हालांकि इस वायरस पर और अध्ययन किए जाने की आवश्यकता है। प्रारंभिक आंकड़ों से पता चलता है कि यह दक्षिण अफ्रीका में पहली बार खोजे गए बीटा संस्करण के समान ही प्रतिरक्षा सुरक्षा से बच सकता है। बताया जाता है कि 4,500 से अधिक जीनोम अनुक्रम और रोगियों से लिए गए नमूनों के विश्लेषण के बाद कोरोना के इस वैरिएंट को म्यू के रूप में नामित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में कोरोना के एक अन्य नए वैरिएंट की रिपोर्टें सामने आई थीं। इस वैरिएंट को वैरिएंट आफ इंटेरेस्ट की श्रेणी में रखा गया था। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक यह वैरिएंट दक्षिण अफ्रीका समेत कई अन्य देशों में पाया गया था। इसे बेहद खतरनाक माना गया था क्योंकि यह कोविड-19 रोधी वैक्सीन से मिलने वाली एंटीबॉडी की सुरक्षा तक को चकमा दे सकता है। कोरोना के इस नए वैरिएंट सी.1.2 (SARS-CoV-2 Variant C.1.2 ) का पता मई महीने में चला था। यह चीन, कांगो, मॉरीशस, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, पुर्तगाल और स्विट्जरलैंड में पाया जा चुका है।
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