(शिरीष बी. प्रधान)
काठमांडू, 22 जून (भाषा) नेपाल के उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को नव संशोधित नागरिकता विधेयक के कार्यान्वयन का रास्ता साफ कर दिया, जिसे हाल ही में राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल द्वारा मंजूरी दी गई थी।
न्यायमूर्ति आनंद मोहन भट्टाराई और न्यायमूर्ति कुमार रेग्मी की खंडपीठ ने न्यायालय की एकल न्यायाधीश की पीठ द्वारा पूर्व में दिए गए अंतरिम आदेश को जारी नहीं रखने का फैसला कर विधेयक के कार्यान्वयन का मार्ग प्रशस्त किया।
न्यायमूर्ति मनोज शर्मा द्वारा पहले जारी किए गए अल्पकालिक आदेश ने नागरिकता अधिनियम के संशोधित प्रावधानों के कार्यान्वयन का रास्ता रोक दिया था। इनके तहत जन्म से नागरिकता प्राप्त करने वाले माता-पिता के हजारों बच्चों को वंश के आधार पर नागरिकता प्राप्त करने की अनुमति मिल गई थी।
एक अनुमान के मुताबिक करीब पांच लाख लोग अपनी नागरिकता के प्रमाणपत्र का इंतजार कर रहे हैं।
न्यायालय द्वारा हालांकि इस मामले में अंतिम फैसला दिया जाना अभी बाकी है।
दोनों सदनों द्वारा पारित नागरिकता विधेयक को पिछले साल तत्कालीन राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने मंजूरी न देते हुए रोक रखा था।
उसी विधेयक को पौडेल ने 31 मई को मंजूरी दे दी थी।
भाषा
प्रशांत माधव
माधव
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