काठमांडू, 15 जुलाई (एपी) नेपाल में यात्रियों से भरी दो बसों के बीते शुक्रवार को भूस्खलन के मलबे के साथ बह जाने की घटना में नदी से बचावकर्मियों ने अब तक कुल 11 शव बरामद किए हैं। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
बचावकर्मियों को लापता बसों और उनमें सवार लगभग 50 लोगों की तलाश के दौरान नदी के किनारे अलग-अलग स्थानों पर शव मिले।
सरकारी प्रशासक खीमा नंदा भुसाल ने बताया कि सात शवों की पहचान कर ली गई है और उनके रिश्तेदारों से संपर्क किया गया है। मृतकों में तीन भारतीय हैं और बाकी चार नेपाली नागरिक हैं।
उन्होंने बताया कि नदी से चार और शव बरामद किए गए हैं, लेकिन उनकी पहचान नहीं हो पाई है, इसलिए यह स्पष्ट नहीं है कि वे बसों में सवार थे या नहीं।
उन्होंने कहा, ‘जब तक जरूरत होगी हम तलाश जारी रखेंगे और इसे बंद करने की हमारी कोई योजना नहीं है। हम तब तक काम करेंगे जब तक सभी लोग नहीं मिल जाते।’
दोनों बसें 65 यात्रियों को ले जा रहीं थीं और शुक्रवार की सुबह काठमांडू से लगभग 120 किलोमीटर पश्चिम में सिमलताल के पास भूस्खलन के मलबे में बहने के बाद बसें, बारिश के पानी से उफनती त्रिशूली नदी में जा गिरीं। यह दुर्घटना नेपाल की राजधानी को देश के दक्षिणी भागों से जोड़ने वाले प्रमुख राजमार्ग पर हुई।
पहला शव रविवार को बस गिरने की जगह से लगभग 50 किलोमीटर दूर बरामद हुआ था। अन्य शव भारत की सीमा के पास से बरामद किए गए। अधिकारियों ने बताया कि उनमें से दो शव भूस्खलन स्थल से 100 किलोमीटर से अधिक दूर त्रिवेणी में पाए गए।
लापता लोगों के परिजन और रिश्तेदार जानकारी प्राप्त करने के लिए नदी के पास एकत्र हैं।
पहाड़ी इलाका होने के कारण नेपाल की नदियां आम तौर पर तेज गति से बहती हैं। पिछले कुछ दिनों में हुई भारी बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं।
गृह मंत्रालय के अनुसार जिन क्षेत्रों के लिए मौसम संबंधी चेतावनियां जारी हुई हैं सरकार ने वहां रात में यात्री बसों के चलने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
एपी
शुभम मनीषा
मनीषा
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