नेपाल में बाढ़, भूस्खलन के कारण करीब 200 लोगों की मौत |

नेपाल में बाढ़, भूस्खलन के कारण करीब 200 लोगों की मौत

नेपाल में बाढ़, भूस्खलन के कारण करीब 200 लोगों की मौत

:   Modified Date:  September 30, 2024 / 12:49 PM IST, Published Date : September 30, 2024/12:49 pm IST

(शिरीष बी प्रधान)

(तस्वीरों के साथ जारी)

काठमांडू, 30 सितंबर (भाषा) नेपाल में बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या सोमवार को बढ़कर लगभग 200 हो गई जबकि कम से कम 30 लोग अब भी लापता हैं। पुलिस ने यह जानकारी दी।

पिछले शुक्रवार से लगातार हो रही बारिश के कारण बाढ़ आई और जगह जगह भूस्खलन हुआ, जिससे हिमालयी राष्ट्र में तबाही मच गई।

नेपाल पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि लगातार हो रही बारिश, बाढ़, भूस्खलन और पानी भर जाने की वजह से कम से कम 192 लोग मारे गए हैं।

उन्होंने बताया कि इस आपदा में देश भर में 194 अन्य लोग घायल भी हुए हैं, जबकि 30 अन्य लापता हैं।

सिंह दरबार स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में रविवार को कार्यवाहक प्रधानमंत्री प्रकाश मान सिंह द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भारी बारिश के कारण आई आपदा के दौरान बचाव, राहत और पुनर्वास प्रयासों को तेज करने का निर्णय लिया गया।

गृह मंत्रालय ने कहा कि बाढ़ और भूस्खलन के बाद राहत कार्यों के लिए सभी सुरक्षा एजेंसी को तैनात किया गया है और नेपाल सेना, नेपाल पुलिस एवं सशस्त्र पुलिस बल के कर्मियों ने अब तक लगभग 4,500 आपदा प्रभावित व्यक्तियों को बचाया है। घायलों का मुफ्त उपचार कराया जा रहा है और बाढ़ से प्रभावित अन्य लोगों को भोजन और अन्य आपातकालीन राहत सामग्री प्रदान की गई है।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, प्राकृतिक आपदा के बाद काठमांडू में सैकड़ों लोग भोजन, सुरक्षित पेयजल और गंदगी जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं।

भूस्खलन के चलते प्रमुख राजमार्गों के अवरुद्ध होने के कारण देश के अन्य जिलों और भारत से सब्जियों की आवक अस्थायी रूप से बाधित हुई है जिससे बाजार में कीमतें भी बढ़ गई हैं।

‘काठमांडू पोस्ट’ अखबार की खबर के अनुसार, पूरे देश में कई सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं और राजधानी काठमांडू की ओर जाने वाले सभी मार्ग अब भी अवरुद्ध हैं जिससे हजारों यात्री फंसे हुए हैं।

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ऋषिराम तिवारी ने कहा कि यातायात बहाल करने के लिए बाधित राजमार्गों को साफ करने के प्रयास जारी हैं।

‘इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट’ (आईसीआईएमओडी) की एक खबर में कहा गया है कि शुक्रवार और शनिवार को पूर्वी और मध्य नेपाल के बड़े हिस्से में लगातार बारिश के बाद काठमांडू की मुख्य नदी बागमती खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी।

शनिवार को खबर में कहा गया कि असाधारण रूप से तीव्र बारिश का कारण ‘बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र’ और ‘मानसून ट्रफ’ था।

‘मानसून ट्रफ’ पाकिस्तान के निचले हिस्से से लेकर बंगाल की खाड़ी तक फैला हुआ कम दबाव वाला क्षेत्र है। इसके कारण हिमालय पर्वतमाला के पूर्व-पश्चिमी भाग और खासी-जयंतिया पहाड़ियों के उत्तर-दक्षिण भाग में असामान्य वर्षा हो सकती है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण एशिया भर में वर्षा की मात्रा और समय में बदलाव हो रहा है और बाढ़ के प्रभाव में वृद्धि का एक प्रमुख कारण पर्यावरण की स्थिति में बदलाव है जिसमें विशेष रूप से बाढ़ के मैदानों में गैर नियोजित निर्माण बड़ी वजह है। इसके चलते पानी के ठहराव और निकासी के लिए पर्याप्त जगह नहीं बचती।

बाढ़ और भूस्खलन की वजह से देश के कई हिस्सों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कई राजमार्ग और सड़कें बाधित हो गई हैं, सैकड़ों मकान और पुल ध्वस्त हो गए हैं या बह गए हैं और सैकड़ों परिवार विस्थापित हो गए हैं। सड़क बाधित होने के कारण हजारों यात्री विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं।

भाषा सिम्मी नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)