इंफाल, 23 जनवरी (भाषा) मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने बृहस्पतिवार को उन सोशल मीडिया पेज का संचालन करने वालों को चेतावनी दी जो कानून का उल्लंघन करने वाले पोस्ट अपलोड करते हैं।
सिंह ने यह भी कहा कि मई 2023 में पूर्वोत्तर राज्य में जातीय संकट शुरू होने के बाद से बड़ी संख्या में नये संगठन सामने आए हैं और उनमें से कई असामाजिक गतिविधियों में लिप्त हैं – लोगों से जबरन वसूली करना, उन्हें कैद में रखना और उन पर हमला करना।
मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम (राज्य में अब) शांति के संकेत देख रहे हैं और मैं सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए मीडिया से सहयोग चाहता हूं।’’
सिंह ने कहा कि हाल ही में सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट अपलोड किए गए हैं, जो सांप्रदायिक रूप से भड़काऊ हैं और दूसरों के निजी जीवन में हस्तक्षेप करते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ महिलाओं से (अनधिकृत व्यक्तियों द्वारा) निजी मामलों पर पूछताछ सोशल मीडिया पर अपलोड की गई। ये घटनाएं बेहद अजीब, परेशान करने वाली और अशिष्ट हैं।’’
सिंह ने कहा कि उन्होंने पुलिस और खुफिया एजेंसियों को इस बारे में सूचित कर दिया है और जल्द ही सभी सोशल मीडिया पेज संचालकों और ऐसे समूहों के ‘एडमिन’ को बुलाने के लिए एक औपचारिक नोटिस प्रकाशित किया जाएगा जो इस तरह की गतिविधियों में शामिल हैं।
उन्होंने सवाल किया, ‘‘इन समूहों को व्यक्तियों के निजी जीवन में हस्तक्षेप करने के लिए किसने अधिकृत किया है?’’ सिंह ने कहा कि सरकार युवाओं के करियर को बर्बाद नहीं करना चाहती।
उन्होंने कहा, ‘‘निर्वाचित प्रतिनिधियों के आवास लूटने या उन्हें जलाने में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उनमें से कुछ अब जेल में हैं जबकि उनमें से कुछ पर रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम) के तहत आरोप लगाया जा सकता है। उनका जीवन कठिन हो जाएगा, क्योंकि उनके रिकॉर्ड पुलिस के पास होंगे और जिनके खिलाफ प्राथमिकी है वे सरकारी सेवाओं में प्रवेश नहीं कर पाएंगे।’’
सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने संयम बनाए रखा है क्योंकि लोगों को हिंसा के कारण नुकसान हुआ है, लेकिन अब स्थिति असहनीय स्तर पर पहुंच गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘बहुत सारे संगठन उभरे हैं। संगठन बनाना ठीक है क्योंकि लोकतंत्र इसकी अनुमति देता है। लेकिन इन समूहों को लोगों को पकड़ने और उन पर हमला करने का अधिकार किसने दिया है?’’
उन्होंने कहा कि समाज को प्रभावित करने वाली किसी भी चीज को तुरंत रोका जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विशेष पुलिस दल गठित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कार्यालय कर्मचारियों को जबरन वसूली के लिए (उनके द्वारा) बुलाया गया है। उन्हें किसने अधिकृत किया है? वे अपनी मांगें पूरी न होने पर अधिकारियों को अपहरण की धमकी दे रहे हैं। इसे रोका जाना चाहिए।’’
सिंह ने लोगों से उन लोगों का समर्थन न करने की अपील की जिन्होंने कानून अपने हाथ में लिया है।
मणिपुर 3 मई, 2023 से मेइती और कुकी समुदायों के बीच हिंसा की चपेट में है, जिसमें 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
भाषा अमित माधव
माधव
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)