मालदीवः मुख्य विपक्षी दल ने मुइज्जू सरकार की भारत नीति में 'अचानक आए बदलाव' का स्वागत किया |

मालदीवः मुख्य विपक्षी दल ने मुइज्जू सरकार की भारत नीति में ‘अचानक आए बदलाव’ का स्वागत किया

मालदीवः मुख्य विपक्षी दल ने मुइज्जू सरकार की भारत नीति में 'अचानक आए बदलाव' का स्वागत किया

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Modified Date: August 11, 2024 / 10:34 PM IST
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Published Date: August 11, 2024 10:34 pm IST

माले, 11 अगस्त (भाषा) मालदीव के मुख्य विपक्षी दल मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू नीत सरकार द्वारा अपनी भारत नीति में ‘‘अचानक किए गए बदलाव’’ का स्वागत किया और कहा कि माले इस बात को लेकर हमेशा आश्वस्त रहा है कि देश पर जब भी संकट आएगा और वह मदद के लिए पुकारेगा, तो नई दिल्ली सबसे पहले सहायता करेगा।

एमडीपी अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने शनिवार को यहां भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात के बाद यह बात कही।

एमडीपी अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी की मांग है कि ‘‘मुइज्जू सरकार से अपने अधिकारियों के कृत्यों, झूठ और गैर-जिम्मेदाराना बयानों के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगे, जिनकी वजह से मालदीव को विदेश और आर्थिक मोर्चे पर खासा नुकसान हुआ है।’’

जयशंकर द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए मालदीव की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के लगभग नौ महीने पहले पदभार संभालने के बाद भारत की ओर से द्वीपीय देश की यह पहली उच्चस्तरीय यात्रा है।

पूर्व विदेश मंत्री शाहिद ने शनिवार देर रात सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भारत के विदेश मंत्री जयशंकर का मालदीव में एमडीपी सचिवालय के अपने सहयोगियों के साथ स्वागत करने और मुलाकात में मुझे बेहद खुशी हुई।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मालदीव इस बात को लेकर हमेशा आश्वस्त रहा है कि जब भी मालदीव ‘‘अंतरराष्ट्रीय 911 डायल करेगा’’ तो सबसे पहले मदद करने वाला देश भारत होगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा सरकार की ओर से भारत के खिलाफ आक्रामक नारे लगाने, मजाक उड़ाने और भारत विरोधी भावनाओं को भड़काने के कारण मालदीव की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को काफी नुकसान पहुंचा, आर्थिक क्षति हुई तथा कई अन्य अनावश्यक कठिनाइयां और चुनौतियों का सामना करना पड़ा।’’

शाहिद ने कहा, ‘‘ऐसे में अब जब राष्ट्रपति मुइज्जू सरकार की मालदीव-भारत नीति में अचानक बदलाव आया है, तो एमडीपी इसका स्वागत करती है।’’

हालांकि, राष्ट्रपति मुइज्जू ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार ने अपनी विदेश नीति में कोई बदलाव नहीं किया है, बल्कि पहले दिन से ही उसी नीति पर कायम है।

‘सनऑनलाइन इंटरनेशनल’ न्यूज पोर्टल ने राष्ट्रपति के हवाले से कहा, ‘‘मैं अपने घोषणापत्र (2023 के चुनावों में) में घोषित विदेश नीति को लागू कर रहा हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं मालदीव के हितों को प्राथमिकता दूंगा और उन सभी देशों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखूंगा, जो मालदीव की स्वतंत्रता और संप्रभुता का उल्लंघन नहीं करने पर सहमत हैं।’’

मुइज्जू ने कहा कि उन्होंने अपनी विदेश नीति में कोई बदलाव नहीं किया है, न ही उन्हें किसी बात के लिए माफी मांगने की जरूरत है।

मुइज्जू ने कहा, ‘‘उन्होंने (भारत ने) पिछले कुछ माह में मित्र देश होने के नाते हमारे लिए बहुत कुछ किया है। भारत ने मालदीव के लिए मुख्य खाद्य पदार्थों के कोटे में किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक वृद्धि की है।’’

राष्ट्रपति मुइज्जू ने कहा कि भारत ने सदैव मालदीव की सहायता की है तथा उन्होंने वर्षों से दी जा रही विभिन्न सहायता के लिए देश को धन्यवाद दिया।

चीन के प्रति झुकाव के लिए जाने जाने वाले मुइज्जू के राष्ट्रपति का कार्यभार संभालने के बाद से भारत और मालदीव के बीच पिछले साल संबंध तनावपूर्ण हो गए थे।

पद की शपथ लेने के कुछ ही घंटों के भीतर मुइज्जू ने अपने देश से भारतीय सैन्यकर्मियों को वापस बुलाने की मांग की थी।

राष्ट्रपति मुइज्जू ने शनिवार को भारत को ‘‘सबसे करीबी सहयोगियों में से एक’’ बताया और दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और घनिष्ठ संबंधों को मजबूत करने के लिए अपने सरकार की पूर्ण प्रतिबद्धता जाहिर की थी।

शाहिद ने कहा, ‘‘एमडीपी को उम्मीद है कि यह बदलाव अस्थायी या दिखावा नहीं होगा, बल्कि मालदीव के लोगों के सर्वोत्तम हित में होगा।’’

भाषा खारी दिलीप

दिलीप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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