‘आइए बैठकर बात करें’: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज ने इमरान खान के साथ सुलह की पेशकश की |

‘आइए बैठकर बात करें’: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज ने इमरान खान के साथ सुलह की पेशकश की

‘आइए बैठकर बात करें’: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज ने इमरान खान के साथ सुलह की पेशकश की

:   Modified Date:  June 26, 2024 / 07:55 PM IST, Published Date : June 26, 2024/7:55 pm IST

इस्लामाबाद, 26 जून (भाषा) पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार को अपने पूर्ववर्ती और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी इमरान खान को शांति का प्रस्ताव देते हुए कहा कि अगर उन्हें जेल में “परेशानी” का सामना करना पड़ रहा है तो वह उनके साथ बातचीत कर सकते हैं।

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के संस्थापक खान, अप्रैल 2022 में सत्ता से बेदखल होने के बाद से अपने खिलाफ दर्ज करीब 200 मामलों में से कुछ में दोषी ठहराए जाने के बाद पिछले साल अगस्त से जेल में बंद हैं।

शरीफ ने नेशनल असेंबली को संबोधित करते हुए कहा, “यदि उनके (पीटीआई के) संस्थापक को (जेल में) परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, तो मैं दोहराता हूं: आइए, बैठकर बात करें।”

उन्होंने कहा, “आइए हम देश को आगे ले जाने के लिए एक साथ बैठें। आइए हम देश की बेहतरी के लिए बात करें। आगे बढ़ने का कोई और रास्ता नहीं है।”

नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और क्रिकेटर से नेता बने खान (71) की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के बीच कई वर्षों से टकराव चल रहा है, खासकर आठ फरवरी के चुनावों के बाद जिसके बारे में खान की पार्टी का दावा है कि उसने (चुनावों में) जीत हासिल की है।

खान की पीटीआई द्वारा जीते गए 2018 के चुनाव पर टिप्पणी करते हुए शरीफ ने कहा, “हम चुनावों (में धांधली) के बावजूद संसद में शामिल हुए। मेरे पहले भाषण के दौरान लगाए गए नारे हमेशा इतिहास की किताबों में एक काले अध्याय के रूप में याद किए जाएंगे।”

‘जियो न्यूज’ ने शरीफ को उद्धृत करते हुए कहा, “अगर किसी के साथ अन्याय हो रहा है, तो मेरा मानना ​​है कि न्याय का तराजू पीड़ित के पक्ष में होना चाहिए, इसमें कोई अंतर नहीं है – चाहे वह कोई राजनेता हो या किसी भी क्षेत्र का कोई व्यक्ति हो।”

शरीफ (72) ने अफसोस जताते हुए कहा कि जब वह विपक्ष में थे तो उन्होंने एक बार फिर खान के सामने बातचीत का प्रस्ताव रखा था, लेकिन इस तरह के नारे फिर लगाए गए।

उन्होंने कहा, “तो इस कड़वाहट (नेताओं के बीच) के लिए कौन जिम्मेदार है? अब हम हाथ भी नहीं मिलाते हैं।”

भाषा

प्रशांत नेत्रपाल

नेत्रपाल

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)