जयशंकर ने ब्रिटेन, फ्रांस, यूक्रेन सहित कई देशों के विदेश मंत्रियों से रोम में मुलाकात की |

जयशंकर ने ब्रिटेन, फ्रांस, यूक्रेन सहित कई देशों के विदेश मंत्रियों से रोम में मुलाकात की

जयशंकर ने ब्रिटेन, फ्रांस, यूक्रेन सहित कई देशों के विदेश मंत्रियों से रोम में मुलाकात की

:   Modified Date:  November 25, 2024 / 10:22 PM IST, Published Date : November 25, 2024/10:22 pm IST

रोम, 25 नवंबर (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को ब्रिटेन, फ्रांस और यूक्रेन सहित कई देशों के अपने समकक्षों से यहां मुलाकात की तथा विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के तरीकों के साथ-साथ क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय विकास पर चर्चा की।

तीन दिवसीय यात्रा पर रविवार को यहां पहुंचे जयशंकर ने दिन की शुरुआत ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी से मुलाकात कर की।

उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भारत-ब्रिटेन व्यापक रणनीतिक साझेदारी में निरंतर गति की सराहना करता हूं। प्रौद्योगिकी, हरित ऊर्जा, व्यापार, गतिशीलता के साथ-साथ हिंद-प्रशांत और पश्चिम एशिया में जारी विकास में सहयोग को गहरा करने पर चर्चा की।’’

जयशंकर ने फ्रांस के विदेश मंत्री जीन-नोएल बैरोट से भी मुलाकात की और हिंद-प्रशांत, यूक्रेन युद्ध तथा वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की।

उन्होंने ‘एक्स’ पर एक अन्य पोस्ट में कहा, ‘‘आज रोम में फ्रांस के विदेश मंत्री बैरोट से मिलकर अच्छा लगा। द्विपक्षीय साझेदारी का जायजा लिया। हिंद-प्रशांत, यूक्रेन तथा वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा हुई।’’

जयशंकर ने द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए यूक्रेन के विदेश मंत्री आंद्रेई सिबिहा के साथ भी उपयोगी चर्चा की।

उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘आज रोम में, यूक्रेन के विदेश मंत्री आंद्रेई सिबिहा से मिलकर अच्छा लगा। द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए उपयोगी चर्चा हुई।’’

वहीं, सिबिहा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए भारत के समर्थन की सराहना करता हूं। यूक्रेन में व्यापक, न्यायसंगत और स्थायी शांति को आगे बढ़ाने के लिए भारत की वैश्विक भूमिका महत्वपूर्ण है।’’

जयशंकर ने लेबनान के विदेश मंत्री अब्दुल्ला बौ हबीब और क्रोएशिया के अपने समकक्ष गॉर्डन ग्रिलिक रेडमैन से भी बातचीत की।

अपनी यात्रा के दौरान, जयशंकर फिउग्गी में जी7 विदेश मंत्रियों की बैठक के संवाद सत्र में भाग लेंगे, जिसमें भारत को अतिथि देश के रूप में आमंत्रित किया गया है।

भाषा सुभाष रंजन

रंजन

 

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