जयशंकर ने श्रीलंका के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की; आर्थिक संकट से उबरने में सहयोग का दिया आश्वासन |

जयशंकर ने श्रीलंका के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की; आर्थिक संकट से उबरने में सहयोग का दिया आश्वासन

जयशंकर ने श्रीलंका के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की; आर्थिक संकट से उबरने में सहयोग का दिया आश्वासन

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Modified Date: October 4, 2024 / 07:02 PM IST
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Published Date: October 4, 2024 7:02 pm IST

(फोटो के साथ)

कोलंबो, चार अक्टूबर (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके से मुलाकात की और ‘‘दोनों देशों के बीच जारी सहयोग को प्रगाढ़ करने के तरीकों एवं भारत-श्रीलंका संबंधों को मजबूत करने’’ पर चर्चा की।

जयशंकर ने श्रीलंका को आर्थिक संकट से उबरने में भारत के सहयोग जारी रखने के प्रति भी आश्वस्त किया।

श्रीलंका के राष्ट्रपति के रूप में दिसानायके के शपथ लेने के पखवाड़े भर के अंदर, जयशंकर एक दिवसीय दौरे पर शुक्रवार सुबह यहां पहुंचे। उन्होंने श्रीलंका की प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या और विदेश मंत्री विजिता हेराथ से भी मुलाकात की।

दिसानायके के नेतृत्व वाली ‘नेशनल पीपुल्स पावर’ (एनपीपी) की सरकार के 23 सितंबर को सत्ता में आने के बाद जयशंकर श्रीलंका का दौरा करने वाले पहले विदेशी राजनयिक हैं।

जयशंकर ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘(श्रीलंका के) राष्ट्रपति अनुरा दिसानायके से आज कोलंबो में मिलकर अच्छा लगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से शुभकामनाएं दीं।’’

उन्होंने पोस्ट में कहा, ‘‘भारत-श्रीलंका संबंधों के लिए उनकी गर्मजोशी भरी भावनाओं और मार्गदर्शन की सराहना की। दोनों देशों और क्षेत्र के लोगों के लाभ के लिए जारी सहयोग को प्रगाढ़ करने और भारत-श्रीलंका संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की।’’

इसके शीघ्र बाद, दिसानायके ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि चर्चा पर्यटन, ऊर्जा और निवेश में सहयोग बढ़ाने तथा मत्स्य पालन, सुरक्षा और राष्ट्रीय एकता पर सहयोग जारी रखने पर केंद्रित रही।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर की श्रीलंका की आधिकारिक यात्रा के दौरान आज उनसे मुलाकात की।’’

श्रीलंका के राष्ट्रपति ने पोस्ट में कहा, ‘‘डॉ जयशंकर ने श्रीलंका को आर्थिक संकट से उबरने में भारत के सहयोग की बात दोहराई। मत्स्य पालन, सुरक्षा और राष्ट्रीय एकता पर जारी सहयोग के महत्व पर भी चर्चा हुई।’’

इससे पहले, श्रीलंका की विदेश सचिव अरुणी विजयवर्धने और श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त संतोष झा ने हवाई अड्डे पर जयशंकर की अगवानी की।

जयशंकर ने श्रीलंका की प्रधानमंत्री अमरसूर्या से भी मुलाकात की जिसके बाद उन्होंने दोनों नेताओं की तस्वीरों के साथ ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘प्रधानमंत्री डॉ हरिनी अमरसूर्या से आज मिलकर खुशी हुई। उनकी नयी जिम्मेदारियों के लिए शुभकामना दी। डिजिटिल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण पर चर्चा की। दोनों देशों के बी साझेदारी को बढ़ाने के लिए साथ मिलकर काम करने पर सहमत हुए।’’

जयशंकर ने श्रीलंका के विदेश मंत्री विजिता हेराथ से भी मुलाकात की। जयशंकर ने अपने ‘एक्स’ हैंडल पर कहा, ‘‘आज कोलंबो में विदेश मंत्री विजिता हेराथ के साथ व्यापक और विस्तृत बातचीत हुई। उन्हें उनकी नयी जिम्मेदारी के लिए फिर से शुभकामना दी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारत-श्रीलंका साझेदारी के विभिन्न आयामों की समीक्षा की। श्रीलंका को आर्थिक संकट से उबरने में भारत के निरंतर सहयोग का आश्वासन दिया। हमारी पड़ोस प्रथम नीति और सागर दृष्टिकोण हमेशा भारत-श्रीलंका संबंधों की प्रगति का मार्गदर्शन करेंगे।’’

श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर पोस्ट किया, ‘‘विदेश मंत्री विजिता हेराथ ने आज दोपहर श्रीलंका के विदेश मंत्रालय में, भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर का स्वागत किया और परस्पर हित के कई मुद्दों पर चर्चा की।’’

अप्रैल 2022 में, श्रीलंका के गंभीर वित्तीय संकट के कारण तत्कालीन राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को पद छोड़ना पड़ा था।

भारत ने उस समय, श्रीलंका को गंभीर आर्थिक संकट से उबरने में मदद के लिए करीब चार अरब डॉलर अमेरिकी डॉलर की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की थी।

दिसानायके ने विपक्ष में रहने के दौरान, कुछ भारतीय परियोजनाओं, खासकर अदाणी समूह द्वारा संचालित सतत ऊर्जा परियोजनाओं पर आपत्तियां जताई थीं।

उन्होंने सत्ता में आने पर इन परियोजनाओं को रद्द करने का वादा किया था और उनका दावा था कि ये परियोजनाएं श्रीलंका के हितों के खिलाफ हैं।

जयशंकर के रवाना होने से पहले नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा था कि जयशंकर कोलंबो की अपनी यात्रा के दौरान श्रीलंकाई नेतृत्व से मुलाकात करेंगे।

उसने कहा था, ‘‘भारत की पड़ोस पहले नीति और सागर दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए यह यात्रा परस्पर लाभ के लिए दीर्घकालिक साझेदारी को और गहरा करने के वास्ते दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।’’

अधिकारियों ने यहां बताया कि फरवरी में जयशंकर ने दिसानायके को नयी दिल्ली की यात्रा पर आमंत्रित किया था।

भाषा सुभाष माधव

माधव

 

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