बोलने की क्षमता गंवाने वाले इजराइल के रिपोर्टर एआई की मदद से टीवी पर फिर से ‘ऑन एयर’ होंगे |

बोलने की क्षमता गंवाने वाले इजराइल के रिपोर्टर एआई की मदद से टीवी पर फिर से ‘ऑन एयर’ होंगे

बोलने की क्षमता गंवाने वाले इजराइल के रिपोर्टर एआई की मदद से टीवी पर फिर से ‘ऑन एयर’ होंगे

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Modified Date: January 8, 2025 / 03:12 PM IST
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Published Date: January 8, 2025 3:12 pm IST

यरुशलम, आठ जनवरी (एपी) इजराइल के एक चर्चित टीवी पत्रकार ने जब तंत्रिका संबंधी बीमारी एमायोट्रॉफिक लैटरल स्क्लेरोसिस (एएलएस) के कारण स्पष्ट बोलने की क्षमता खो दी, तो उन्हें लगा कि अब उनका करियर खत्म हो चुका है।

लेकिन अब, मोशे नुसबाम कृत्रिम-बुद्धिमत्ता (एआई) सॉफ्टवेयर का उपयोग करके वापसी को तैयार हैं। ‘‘नुस्सी’’ के नाम से मशहूर मोशे नुसबाम एआई की मदद से फिर से पत्रकारिता की दुनिया में वापसी करेंगे।

नुसबाम (71) को दो साल पहले पता चला था कि वह एएलएस से पीड़ित हैं। एएलएस को ‘लू गेरिग’ भी कहा जाता है। तंत्रिका संबंधी इस रोग का असर समूचे शरीर में मांसपेशियों को नियंत्रण करने वाली तंत्रिका कोशिकाओं पर पड़ता है।

उस वक्त उन्होंने इजराइल के ‘चैनल 12 न्यूज’ के दर्शकों से वादा किया था कि जब तक वे शारीरिक रूप से सक्षम हैं, तब तक वे काम करते रहेंगे। लेकिन, धीरे-धीरे यह मुश्किल होता गया।

यह एक पत्रकार के करियर के लिए विनाशकारी झटका था, जिसने 40 से ज्यादा साल तक इजराइल की कई सबसे महत्वपूर्ण रिपोर्ट को कवर किया था। उन्होंने आत्मघाती बम हमलों और गाजा एवं लेबनान में युद्ध की अग्रिम पंक्तियों के दृश्यों से लेकर इजराइल की संसद में घोटालों और हाई-प्रोफाइल अदालती मामलों को कवर किया था।

सात अक्टूबर, 2023 को हमास के हमले के बाद नुसबाम मौके से रिपोर्ट करने में असमर्थ हो गए। देश के सबसे बड़े स्टेशन ‘चैनल 12’ पर सहकर्मियों के साथ हाल में एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि यह उनके करियर का पहला युद्ध था, जिसमें वे बाहर बैठे थे।

उन्हें चलने-फिरने और बोलने में परेशानी हो रही थी, फिर भी उन्होंने इजराइली अस्पतालों में घायल सैनिकों के साक्षात्कार का एक कार्यक्रम शुरू किया।

वह धीमे और रुक-रुक कर सवाल पूछते तथा यह सिलसिला युद्ध के पहले आधे हिस्से तक चला। फिर, जब बोलना और समझना मुश्किल होता गया, तो उनके साक्षात्कार कम होते गए।

सोमवार को ‘चैनल 12’ ने आश्चर्यजनक घोषणा की कि वह आने वाले हफ्तों में एआई की मदद से नुसबाम को एक ‘कमेंटेटर’ के रूप में वापस लाएगा।

नुसबाम ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी) को संदेश के जरिये बताया, ‘‘मुझे इसे (एआई को) समझने और यह भी समझने में कुछ पल लगे कि अब मैं ही बोल रहा हूं। धीरे-धीरे, मैं इस डिवाइस के अविश्वसनीय अर्थ को समझ रहा हूं, जो दिव्यांग लोगों के लिए है, जिसमें मैं भी शामिल हूं।’’

नुसबाम अपनी स्टोरी रिपोर्ट करेंगे और फिर उन्हें एक एआई प्रोग्राम का उपयोग करके लिखेंगे, जिसे नुसबाम की आवाज का उपयोग करके बोलने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। उन्हें इस तरह से फिल्माया जाएगा जैसे कि वही प्रस्तुति दे रहे हों।

बोलने में अक्षम लोग कई सालों से पारंपरिक ‘टेक्स्ट-टू-स्पीच’ तकनीक का इस्तेमाल करते आ रहे हैं, लेकिन वे आवाजें रोबोट जैसी और सपाट लगती हैं और उनमें भावनाएं नहीं होतीं। इसके विपरीत, एआई तकनीक को किसी व्यक्ति की आवाज की रिकॉर्डिंग का उपयोग करके प्रशिक्षित किया जाता है। टीवी और रेडियो में अपने लंबे करियर के कारण नुसबाम ने हजारों घंटे बात की है और यह उनके स्वर और वाक्यांशों की हू-ब-हू नकल कर सकता है।

उन्होंने कहा कि मौजूदा स्वरूप में यह तकनीक सीधे प्रसारण के लिए काम नहीं करेगी, इसलिए नुसबाम मौके पर नहीं जा पाएंगे जो कि उनकी नौकरी का पसंदीदा हिस्सा है। इसके बजाय, वह अपराध और राष्ट्रीय सुरक्षा के बारे में कमेंटरी और विश्लेषण करेंगे, जो दशकों से उनकी विशेषज्ञता वाले क्षेत्र रहे हैं।

एपी सुरभि सुरेश

सुरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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