गाजा को लेकर भीषण तनाव के बीच पेरिस में इजराइली खिलाड़ियों को मिली धमकियां |

गाजा को लेकर भीषण तनाव के बीच पेरिस में इजराइली खिलाड़ियों को मिली धमकियां

गाजा को लेकर भीषण तनाव के बीच पेरिस में इजराइली खिलाड़ियों को मिली धमकियां

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Modified Date: August 7, 2024 / 11:28 AM IST
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Published Date: August 7, 2024 11:28 am IST

पेरिस, सात अगस्त (एपी) इजराइल की ओलंपिक टीम ने कहा है कि गाजा में युद्ध के दौरान फलस्तीन के लोगों के मारे जाने को लेकर जारी भीषण तनाव और पश्चिम एशिया में व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष के खतरे के बीच पेरिस ओलंपिक में आए उसके कुछ खिलाड़ियों को धमकियां मिली हैं।

इजराइली राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष याएल अराद ने मंगलवार को ‘एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी) को बताया कि टीम के सदस्यों को धमकियां मिलीं और इनके जरिए खिलाड़ियों में ‘‘मनोवैज्ञानिक आतंक’’ उत्पन्न करने की कोशिश की गई। समिति के अध्यक्ष ने इस संबंध में अधिक जानकारी नहीं दी।

पेरिस के अभियोजकों ने पिछले सप्ताह इजराइल के खिलाड़ियों को ईमेल के जरिये दी गई मौत की धमकियों के मामले की जांच शुरू की। राष्ट्रीय साइबर अपराध एजेंसी इजराइल के कुछ खिलाड़ियों के निजी डेटा के ऑनलाइन लीक होने के मामले की भी जांच कर रही है। इजराइल-पराग्वे मैच के दौरान इजराइली खिलाड़ियों के साथ भेदभावपूर्ण बर्ताव होने के मामले की भी अभियोजकों ने जांच शुरू की है।

इजराइली खिलाड़ी टॉम रेउवेनी (24) ने सप्ताहांत में ‘विंड सर्फिंग’ में स्वर्ण पदक जीता था। टॉम उन खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन्हें धमकी मिली है। उन्होंने जर्मनी के म्यूनिख में 1972 ओलंपिक के दौरान मारे गए 11 इजराइली एथलीट की याद में मंगलवार को आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि खेलों को राजनीति से ‘‘अलग रखा जाना चाहिए’’।

उन्होंने कहा,‘‘ मुझे नहीं लगता कि खेलों में, खास तौर पर ओलंपिक खेलों में कोई राजनीति होनी चाहिए। खेलों में राजनीति नहीं है बल्कि वे लोग राजनीति कर रहे हैं जो नहीं चाहते कि हम प्रतिस्पर्धा करें , हम यहां रहें। मुझे बहुत सारे संदेश और धमकियां मिली हैं।’’

इजराइल ने ओलंपिक को तटस्थ बनाए रखने का आग्रह किया है वहीं फलस्तीनी प्रतिनिधिमंडल यहां गाजा में नागरिकों के संघर्षों के बारे में बातचीत कर रहे हैं और लोगों को उनकी तकलीफों से अवगत करा रहे हैं। इजराइल और हमास के बीच युद्ध में 39,000 से अधिक फलस्तीनी लोगों की मौत हुई है।

फलस्तीनी अमेरिकी ओलंपिक तैराक वैलेरी तराजी ने रविवार को ‘एपी’ से कहा, ‘‘ मुझे जो बात सबसे ज्यादा परेशान कर रही है वह यह है कि लोग अब फलस्तीनियों को सिर्फ एक संख्या के तौर पर देख रहे हैं। मरने वाले लोगों की संख्या…। विस्थापित हुए लोगों की संख्या….।’’

उन्होंने कहा ‘‘बतौर खिलाड़ी हम भी यहां दूसरों की तरह ही हैं। हम प्रतिस्पर्धा करना चाहते हैं। हम भी अपने घरों में उसी तरह जीना चाहते हैं जिस तरह दुनिया में लोग जीते हैं।’’

एपी शोभना मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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