इजराइली हमले में नसरल्ला के साथ ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड के जनरल की मौत : रिपोर्ट |

इजराइली हमले में नसरल्ला के साथ ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड के जनरल की मौत : रिपोर्ट

इजराइली हमले में नसरल्ला के साथ ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड के जनरल की मौत : रिपोर्ट

:   Modified Date:  September 28, 2024 / 10:57 PM IST, Published Date : September 28, 2024/10:57 pm IST

दुबई, 28 सितंबर (एपी) ईरान ने शनिवार को घोषणा की कि अमेरिका द्वारा प्रतिबंधित उसके अर्धसैनिक बल रिवॉल्यूशनरी गार्ड के एक प्रमुख जनरल की भी बेरूत में हुए उस हवाई हमले में मौत हो गई, जिसमें हिज्बुल्ला नेता हसन नसरल्ला मारा गया। ईरानी मीडिया ने शनिवार को यह जानकारी दी।

जनरल अब्बास निलफोरुशान की हत्या ईरान के लिए नवीनतम क्षति है, जबकि गाजा पट्टी में लगभग एक साल से चल रहा इजराइल-हमास युद्ध क्षेत्रीय संघर्ष बनने की कगार पर है। उनकी मौत से ईरान पर जवाबी कार्रवाई का दबाव और बढ़ गया है, हालांकि तेहरान ने हाल के महीनों में संकेत दिया है कि वह अपनी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाले प्रतिबंधों के संबंध में पश्चिम के साथ बातचीत करना चाहता है।

ईरान के सरकारी तेहरान टाइम्स की खबर के अनुसार, 58 वर्षीय अब्बास निलफोरुशान की शुक्रवार को लेबनान में उस हमले में मौत हो गयी, जिसमें नसरल्ला भी मारा गया है। सरकारी समाचार एजेंसी इरना के अनुसार, ईरान की न्यायपालिका के उप प्रमुख अहमद रजा पोर खगान ने भी निलफोरुशान की मौत की पुष्टि की और उन्हें “लेबनान के लोगों का अतिथि” बताया।

खगान ने कथित तौर पर यह भी कहा कि ईरान को अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत जवाबी कार्रवाई करने का अधिकार है।

निलफोरुशान गार्ड में ऑपरेशन के लिए डिप्टी कमांडर के रूप में काम करते थे, जो कि इसके जमीनी बलों की देखरेख करने वाली भूमिका थी। शुक्रवार को लेबनान में वह क्या कर रहे थे, यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो पाया। गार्ड के अभियानों को अंजाम देने वाली कुद्स फोर्स ने दशकों से इजराइल और अमेरिका के प्रति संतुलन के रूप में क्षेत्रीय मिलिशिया पर भरोसा करने की अपनी रणनीति के तहत हिज्बुल्ला को हथियार और प्रशिक्षण दिया है।

निलफोरुशान इजराइल को ईरान का मुख्य दुश्मन मानते हैं, लंबे समय तक देश का मजाक उड़ाते रहे और उसकी आलोचना करते रहे।

अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने निलफोरुशान की पहचान रिवॉल्यूशनरी गार्ड में ऑपरेशन के लिए डिप्टी कमांडर के रूप में की थी। अमेरिका ने 2022 में उनपर प्रतिबंध लगा दिया था और कहा था कि उन्होंने एक ऐसे संगठन का नेतृत्व किया, जो “सीधे विरोधियों के दमन के लिए जिम्मेदार था, जिसने पिछले विरोध प्रदर्शनों के दौरान विरोधी नेताओं को गिरफ्तार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।”

ये प्रतिबंध ईरान में महसा अमिनी की मौत के बाद महीनों से चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच लगाए गए थे, जिन्हें पुलिस की पसंद के अनुसार कथित तौर पर हिजाब नहीं पहनने के कारण गिरफ्तार किया गया था।

उस समय, निलफोरुशान ने विदेश में ईरान के दुश्मनों पर ईरानी महिलाओं के नेतृत्व में प्रदर्शनों को भड़काने का आरोप लगाया था, जिसमें हिजाब की अनिवार्यता और देश के धर्मतंत्र दोनों को चुनौती दी गई थी।

निलफोरुशान ने सीरिया में राष्ट्रपति बशर असद का समर्थन करते हुए दशकों तक चले युद्ध में भी भूमिका निभाई, जो 2011 के ‘अरब स्प्रिंग’ से शुरू हुआ था, जिसने पूरे पश्चिम एशिया को अपनी चपेट में ले लिया था। उन्होंने अपने कई सहयोगियों की तरह 1980 के दशक के ईरान-इराक युद्ध में भी भाग लिया था।

ईरानी सरकारी टेलीविजन ने 2020 में उन्हें अपने कुद्स बल के प्रमुख जनरल कासिम सुलेमानी का “कॉमरेड” (साथी) कहा, जो 2020 में बगदाद में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे गए थे।

एपी प्रशांत सुरेश

सुरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)