(सज्जाद हुसैन)
इस्लामाबाद, दो दिसंबर (भाषा) पाकिस्तान में रविवार को इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफार्म तक पहुंचने में व्यवधान का सामना करना पड़ा। इस बारे में मीडिया रिपोर्ट से यह जानकारी मिली।
‘व्हाट्सऐप’, ‘फेसबुक’, ‘इंस्टाग्राम’ और ‘टिकटॉक’ जैसे लोकप्रिय प्लेटफॉर्म या तो निलंबित कर दिए गए हैं या धीमी गति से काम कर रहे हैं। उपयोगकर्ता ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तक सीमित पहुंच से निराश हैं। लगभग 52 प्रतिशत उपयोगकर्ताओं ने संदेश भेजने में समस्याओं की सूचना दी।
‘डॉन’ अखबार के अनुसार, कराची, लाहौर, इस्लामाबाद, पेशावर और देश के अन्य हिस्सों में भी उपयोगकर्ताओं ने पूरे दिन ‘टिकटॉक’ और ‘इंस्टाग्राम’ से जुड़ी समस्याओं की शिकायत की।
पाकिस्तान में लोगों को इंटरनेट की धीमी गति का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि सरकार ने सोशल मीडिया ऐप पर राष्ट्र विरोधी सामग्री की निगरानी के लिए कथित तौर पर सुरक्षात्मक उपाय के तहत ‘फायरवॉल’ स्थापित किए हैं।
सरकार ने शिकायतों को तवज्जो नहीं दी तथा ‘फायरवॉल’ की स्थिति के बारे में चिंताओं को ‘‘बेहद बढ़ा-चढ़ाकर बतायी गईं’’ कहकर खारिज कर दिया।
सूचना प्रौद्योगिकी और दूरसंचार राज्य मंत्री शाजा फातिमा ख्वाजा ने रविवार को ‘जियो न्यूज’ से कहा कि ‘फायरवॉल’ की स्थिति को ‘‘बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है और देश में 10 वर्षों से एक वेब प्रबंधन प्रणाली जारी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘किसी देश के अपनी साइबर सुरक्षा पर काम करने में कोई विवाद नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया अलग-अलग साइबर सुरक्षा तंत्रों का इस्तेमाल करती है। उन्होंने कहा कि दुनिया का सुरक्षा प्रतिमान आर्थिक प्रतिमान की तरह सूचना और प्रौद्योगिकी (आईटी) की ओर बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि विश्व का सुरक्षा प्रतिमान आर्थिक प्रतिमान के समान ही सूचना एवं प्रौद्योगिकी (आईटी) की ओर स्थानांतरित हो रहा है।
फातिमा ने कहा कि चूंकि पाकिस्तान को हर दिन ‘‘लाखों साइबर हमलों’’ का सामना करना पड़ता है, इसलिए देश में आतंकवादी गतिविधियों का पता लगाना कठिन होता जा रहा है।
कम से कम दो ‘ऑनलाइन टूल्स’ ने निर्बाध इंटरनेट सेवाओं के पाकिस्तानी सरकार के दावों को नकार दिया है।
जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में इंटरनेट इंटेलिजेंस लैब द्वारा विकसित टूल ‘इंटरनेट आउटेज डिटेक्शन एंड एनालिसिस’ (आईओडीए) के अनुसार, ये व्यवधान घंटों तक रहे।
इंटरनेट कनेक्टिविटी को मापने वाला यह टूल ‘‘लगभग वास्तविक समय में’’ कटौती का पता लगाता है। इसने पाया कि नेटवर्क पूरे दिन बॉर्डर गेटवे प्रोटोकॉल (बीजीपी) स्तर पर स्थिर रहा।
आईओडीए ने गूगल सेवाओं तक पहुंचने में जिन समस्याओं का जिक्र किया उनकी पुष्टि एक अन्य टूल ‘डाउनडिटेक्टर’ ने भी की।
भाषा सुरभि मनीषा
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