बोगोर (इंडोनेशिया), 11 जनवरी (एपी) वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने के बीच जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा की इंडोनेशिया यात्रा के दौरान दोनों देशों ने शनिवार को आर्थिक और रक्षा संबंधों को गहरा करने का संकल्प लिया।
इशिबा मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम से मुलाकात के बाद शुक्रवार को कुआलालंपुर से जकार्ता पहुंचे। दोनों देशों की उनकी यात्रा का उद्देश्य दक्षिण चीन सागर में बीजिंग की आक्रामकता का मुकाबला करने के लिए क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है, क्योंकि इस महीने के अंत में डोनाल्ड ट्रम्प के अमेरिका के राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण करने के बाद इस क्षेत्र में अमेरिकी उपस्थिति कम हो सकती है।
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो ने जकार्ता के बाहर स्थित बोगोर राष्ट्रपति भवन में इशिबा का स्वागत किया। उनके साथ इंडोनेशिया के पारंपरिक परिधान पहने स्वागतकर्ता मौजूद थे तथा सैन्य बैंड ने दोनों देशों के राष्ट्रगान के धुन बजाए। इसके बाद दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई।
बैठक के दौरान, इशिबा ने इंडोनेशिया के खाद्य और ऊर्जा आत्मनिर्भरता के लक्ष्य में मदद करने, इसके रक्षा विकास और खनिजों के रणनीतिक खनन सहित इसके प्राकृतिक संसाधनों के औद्योगिकीकरण में भाग लेने तथा इंडोनेशियाई स्कूली बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने का वचन दिया।
सुबियांतो के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में जापान के प्रधानमंत्री ने इंडोनेशिया को आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन का सदस्य बनने में मदद करने का भी वादा किया।
दोनों पक्षों ने इंडोनेशियाई परिवहन और वितरण प्रणालियों में सुधार के लिए पतिम्बन में एक नए बंदरगाह के निर्माण सहित अन्य परियोजनाओं के लिए 57.30 करोड़ अमेरिकी डॉलर तक के जापानी ऋण संबंधी एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
सुबियांतो ने कहा कि बैठक ‘‘गर्मजोशीपूर्ण, मैत्रीपूर्ण और गहन’’ थी तथा उन्होंने क्षेत्रीय स्थिति और बढ़ते राजनीतिक तनाव पर भी चर्चा की।
इंडोनेशियाई राष्ट्रपति ने कहा, ‘इंडोनेशिया सभी देशों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने की इच्छा रखता है, ताकि वह ऐसा माहौल बनाने में योगदान दे सके जो प्रमुख देशों के बीच तनाव को कम कर सके।’’
इशिबा ने कहा, ‘‘सुरक्षा के क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों को लेकर हमने रक्षा उपकरण प्रौद्योगिकी सहयोग सहित समुद्री सुरक्षा के संबंध में दोनों देशों के रक्षा अधिकारियों के बीच चर्चा शुरू करने पर सहमति व्यक्त की है।’’
वार्ता के माध्यम से तोक्यो यह संदेश देना चाहता है कि नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली के प्रति उसका सम्मान, दक्षिण चीन सागर में चीन के अधिक आक्रामक व्यवहार के विपरीत जापान को दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के लिए सर्वोत्तम साझेदार बनाता है। इस सागर के विशाल क्षेत्र पर चीन का दावा है।
इशिबा ने शुक्रवार को जकार्ता पहुंचने के तुरंत बाद अपने कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा, ‘‘बल या दबाव द्वारा यथास्थिति को एकतरफा बदलने का कोई भी प्रयास दुनिया में कहीं भी अस्वीकार्य है।’’
इंडोनेशिया ने वाशिंगटन और बीजिंग के बीच प्रतिद्वंद्विता को लेकर गुटनिरपेक्ष बने रहने की प्रतिज्ञा की है। हालांकि इसने क्षेत्र में बढ़ते तनाव पर चिंता व्यक्त की है।
भाषा
शुभम सुरेश
सुरेश
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