सिंगापुर में भारतीय रेस्तरांओं ने भारत से रसोइयों की भर्ती की अनुमति देने का स्वागत किया |

सिंगापुर में भारतीय रेस्तरांओं ने भारत से रसोइयों की भर्ती की अनुमति देने का स्वागत किया

सिंगापुर में भारतीय रेस्तरांओं ने भारत से रसोइयों की भर्ती की अनुमति देने का स्वागत किया

:   Modified Date:  November 6, 2024 / 01:40 PM IST, Published Date : November 6, 2024/1:40 pm IST

सिंगापुर, छह नवंबर (भाषा) सिंगापुर में भारतीय रेस्तरांओं ने कामकाजी परमिट पर भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका से खानसामाओं की भर्ती करने की अनुमति देने के सरकार के कदम का स्वागत किया है।

चैनल न्यूज एशिया की मंगलवार की एक खबर के अनुसार सिंगापुर के कई भारतीय रेस्तराओं में आसानी से रसोइये नहीं मिलते और दीपावली जैसे त्योहारों के कारण उन पर और भी अधिक दबाव पड़ता है।

इसमें कहा गया कि मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा भारतीय रेस्तराओं को तीन दक्षिण एशियाई देशों से रसोइयों की भर्ती करने की अनुमति देने के बाद उनके लिए थोड़ी आसानी हो गई है।

चैनल ने मंत्रालय के हवाले से बताया कि पिछले वर्ष सितंबर में आवेदन स्वीकार किए जाने के बाद पहले तीन महीने में चार सौ भारतीय रेस्तरांओं को कामकाजी परमिट दिया गया।

भारतीय रेस्तरां संघ के अध्यक्ष गुरचरण सिंह ने कहा, ‘‘त्योहारों के समय हमें कैटरिंग के ऑर्डर की वजह से काम के लिए कई लोगों की जरूरत होती है।’’

रंगून रोड पर स्थित ‘रिवर वाक तंदूर’ की प्रबंध निदेशक शरणजीत कौर ने कहा कि यह सराहनीय कदम ‘किसी सपने के सच होने’ जैसा है क्योंकि रेस्तरां के लिए भाड़े पर रसोइयों को बुलाना किसी चुनौती से कम नहीं है।

चैनल ने कौर के हवाले से कहा, ‘कोई भी कह सकता है कि ‘मैं एक रसोइया हूँ’, लेकिन तंदूर, कढ़ी, यहाँ तक कि तलने में भी विशेषज्ञता हासिल करना थोड़ा मुश्किल है क्योंकि यह भारतीय भोजन है। यह ऐसा कुछ नहीं है जिसे कोई भी व्यक्ति आकर आसानी से कर सकता है।’

पिछले साल इस रेस्तरां ने तीन और रसोइयों को नौकरी पर रखा था। कर्मचारियों की संख्या में मामूली बदलाव के साथ, रेस्तरां पिछले हफ़्ते दिवाली से पहले प्रतिदिन 40 से ज़्यादा कैटरिंग ऑर्डर लेने में सक्षम था, जबकि पहले यह संख्या 30 थी।

कौर ने कहा कि उनका रेस्तरां पश्चिमी और चीनी व्यंजनों से प्रेरणा लेते हुए नए प्रकार के व्यंजन भी तलाश रहा है। उन्होंने कहा, ‘भारत में वर्तमान में, हर जगह भारतीय फ्यूजन का चलन है, इसलिए … हमने इस पर काम शुरू किया, नए विचार, नए रसोइये । जब वे आते हैं, तो वे अपनी खुद की खाना पकाने की शैली लेकर आते हैं। इसलिए हम वास्तव में इसी तरह आगे बढ़ते हैं।’

गायत्री रेस्तरां के प्रबंध निदेशक एस महेंद्रन ने कहा, ‘इस कदम से भारतीय रेस्टोरेंट को अपना कारोबार बढ़ाने का मौका मिला है।’

उन्होंने कहा ‘मुझे लगता है कि इस एक साल में हमने भारतीय पाककला के क्षेत्र में जबरदस्त बदलाव देखे हैं। मैं अपने रेस्तरां और अपने साथी रेस्तरां मालिकों की ओर से यह बोल रहा हूँ जो इस उद्योग में काफी समय से हैं।’’

कई रेस्तरां ने अधिक रसोइये नियुक्त करने में अब आसानी होने के लिए आभार व्यक्त किया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे विदेशी कर्मचारियों के लिए उच्च कोटा, रसोइयों की मांग को पूरा करने में और भी अधिक मदद करेगा।

वर्तमान में, ऐसे कर्मचारियों के लिए, कुल कार्यबल के आठ प्रतिशत की सीमा है।

महेंद्रन ने बताया, ‘आपके रसोईघर में एक विदेशी भारतीय रसोइये को रखने के लिए आपके पास कुल 12 स्थानीय कर्मचारी होने चाहिए।’

उन्होंने उम्मीद जताई कि वर्क परमिट की अनुमति का अनुपात बढ़ेगा।

भाषा वैभव मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)