(गुरदीप सिंह)
सिंगापुर, 16 फरवरी (भाषा) सिंगापुर में सबसे प्राचीन हिंदू मंदिर के आभूषणों को गिरवी रखकर रकम जुटाने के लिए एक भारतीय पुजारी पर आपराधिक विश्वासघात का आरोप लगाया गया है।
‘चैनल न्यूज एशिया’ के मुताबिक कंडासामी सेनापति (37) पर भ्रष्टाचार, मादक पदार्थ की तस्करी और अन्य गंभीर अपराध संबंधी कानून के तहत कर्मचारी के रूप में आपराधिक विश्वास भंग के लिए पांच आरोप लगाए गए हैं।
श्री मरिअम्मन मंदिर में मुख्य पुजारी कंडासामी पर 2016 से 2020 के दौरान मंदिर से स्वर्ण आभूषण निकालने और उन्हें दुकानों में गिरवी रखकर रकम जुटाने का आरोप है।
अभियोजकों ने अदालत को बताया कि गिरवी रखे गए आभूषणों की कीमत 20 लाख सिंगापुर डॉलर (15 लाख अमेरिकी डॉलर) से अधिक थी।
अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि कंडासामी ने 141,000 डॉलर रकम देश से बाहर भेज दी। कंडासामी मंदिर के आभूषण को गिरवी रखकर रकम जुटाता था।
पुलिस ने पिछले साल अगस्त में कहा था कि कंडासामी के पास से कुछ आभूषण गुम होने के बाद जांच शुरू की गयी।
मंदिर ने कहा कि भंडार में रखे गए आभूषणों की नियमित तौर पर जांच की जाती है।
साउथ ब्रिज रोड पर स्थित श्री मरिअम्मन मंदिर ने एक बयान में कहा कि मंदिर के गर्भगृह में मुख्य पुजारी के संरक्षण में ये आभूषण रखे गए थे।
कंडासामी के वकील ने जमानत के लिए कम जुर्माना राशि रखे जाने का आग्रह करते हुए कहा कि उनका मुवक्किल विदेशी है और वह जमानत के लिए अधिक राशि जमा नहीं कर सकता।
अभियोजन ने कहा कि आरोपी के देश छोड़कर भागने का खतरा है क्योंकि सिंगापुर में उसके परिवार का कोई नहीं रहता है। विश्वास भंग करने के लिए उसके खिलाफ 15 साज जेल की सजा का भी अनुरोध किया।
न्यायाधीश ने उसे जमानत के लिए एक लाख सिंगापुर डॉलर चुकाने को कहा।
कंडासामी के मामले पर अदालत में अगले महीने सुनवाई होगी। दोषी पाए जाने पर उसे 15 साल जेल की सजा हो सकती है।
भाषा आशीष नरेश
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