भारतीय दूतावास ने लाओस में तस्करी कर लाए गए 67 भारतीयों को बचाया |

भारतीय दूतावास ने लाओस में तस्करी कर लाए गए 67 भारतीयों को बचाया

भारतीय दूतावास ने लाओस में तस्करी कर लाए गए 67 भारतीयों को बचाया

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Modified Date: January 27, 2025 / 09:04 PM IST
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Published Date: January 27, 2025 9:04 pm IST

विएंतियाने, 27 जनवरी (भाषा) लाओस में तस्करी करके लाए गए और साइबर घोटाला केंद्रों में काम करने के लिए मजबूर किए गए 67 भारतीयों को विएंतियाने स्थित भारतीय दूतावास ने बचा लिया है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

यहां स्थित भारतीय दूतावास ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि इन युवाओं को लाओस के बोकेओ प्रांत में ‘गोल्डन ट्राइंगल विशेष आर्थिक क्षेत्र’ (जीटीएसईजेड) में सक्रिय आपराधिक गिरोहों ने वहां काम करने के लिए धमकाया था और मजबूर किया था।

विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘भारतीय दूतावास ने 67 भारतीय युवकों को सफलतापूर्वक बचाया है, जिन्हें लाओ पीडीआर के बोकेओ प्रांत में गोल्डन ट्राइंगल विशेष आर्थिक क्षेत्र (जीटीएसईजेड) में संचालित साइबर घोटाला केंद्रों में धोखे से और तस्करी कर लाया गया था।’’

दूतावास ने मदद के अनुरोध पर तुरंत कार्रवाई करते हुए अधिकारियों की एक टीम को जीटीएसईजेड भेजा, जिसने अधिकारियों के साथ मिलकर उनकी रिहाई सुनिश्चित कराई।

बयान में कहा गया कि लाओस में भारत के राजदूत प्रशांत अग्रवाल ने बचाए गए युवाओं से मुलाकात की और उनसे पूरा घटनाक्रम जाना। विज्ञप्ति में कहा गया है कि उन्होंने भारत में उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए दूतावास की प्रतिबद्धता की पुन: पुष्टि की।

दूतावास ने लाओस के अधिकारियों के सहयोग के लिए उनका आभार व्यक्त किया और जीटीएसईजेड में सक्रिय आपराधिक गिरोहों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का आग्रह किया।

बयान में कहा गया, ‘‘इस मामले को उच्चतम स्तर पर उठाया गया है’’

इसमें कहा गया है कि दूतावास ने अब तक 924 भारतीयों को बचाया है, जिनमें से 857 को पहले ही सुरक्षित भारत वापस लाया जा चुका है।

दूतावास ने विदेशों में नौकरी के प्रस्तावों पर विचार कर रहे भारतीय युवाओं को भी आगाह किया।

इसमें कहा गया, ‘‘भारतीय युवकों को थाईलैंड में नौकरी देने का वादा किया गया है, लेकिन वहां पहुंचने पर उन्हें थाईलैंड-लाओ सीमा के निकट चियांग राय तक सड़क मार्ग से जाने के लिए कहा जाता है। उन्हें आगाह किया जाता है कि यह निश्चित संकेत है कि उन्हें लाओ पीडीआर में जीटीएसईजेड में तस्करी के लिए भेजा जा रहा है। जीटीएसईजेड में पहुंचने के बाद, आपराधिक गिरोह उनके पासपोर्ट छीन सकते हैं और उनसे विदेशी भाषा में तथाकथित ‘कार्य अनुबंध’ पर हस्ताक्षर करवाए जाते हैं, जिससे उनका शोषण होने का खतरा रहता है।’’

दूतावास ने लोगों से आग्रह किया है कि वे किसी भी नौकरी प्रस्ताव को स्वीकार करने से पहले आधिकारिक वेबसाइट पर विस्तृत जानकारी लें या सत्यापन के लिए उनसे संपर्क करें।

भाषा शोभना वैभव

वैभव

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)