बीजिंग, 31 अक्टूबर (भाषा) चीनी सेना ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत और चीन के सैनिक पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध वाले स्थलों से पीछे हटने के लिए हाल में हुए समझौते के क्रियान्वयन में ‘‘प्रगति कर रहे हैं’, लेकिन उसने इन रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी हो गई है।
भारत-चीन के बीच 21 अक्टूबर को सैनिकों को पीछे हटाने को लेकर हुए समझौते के बाद पहली बार टिप्पणी करते हुए, रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता झांग शिआओगांग ने प्रेस वार्ता में कहा, “चीन और भारत कूटनीतिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से सीमा क्षेत्रों से संबंधित मुद्दों पर समाधान पर पहुंच गए हैं।”
उन्होंने बुधवार को विदेश मंत्रालय की टिप्पणियों को दोहराते हुए कहा, “दोनों सेनाओं के अग्रिम पंक्ति के सैनिक व्यवस्थित तरीके से प्रस्तावों को लागू करने में प्रगति कर रहे हैं।”
हालांकि, उन्होंने इन रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि पूर्वी लद्दाख में डेमचोक और देपसांग में टकराव वाले दो स्थलों से सैनिकों की वापसी पूरी हो गई है और इन स्थलों पर जल्द ही गश्त शुरू होने वाली है।
कर्नल झांग ने कहा, “इस प्रश्न पर मेरे पास और अधिक जानकारी नहीं है।”
सैनिकों को पीछे हटाने से संबंधित द्विपक्षीय समझौते पर कर्नल झांग ने कहा कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने पिछले हफ्ते रूस के कज़ान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी।
उन्होंने कहा, “दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए हैं कि चीन और भारत को द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि विशिष्ट मुद्दों पर मतभेदों से समग्र रिश्ते प्रभावित न हों।”
झांग ने कहा, “हम आशा करते हैं कि भारतीय पक्ष दोनों नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण आम समझ को मार्गदर्शन के रूप में लेने के लिए चीन के साथ मिलकर काम करेगा और उपर्युक्त प्रस्तावों को निरंतर लागू करेगा और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द की संयुक्त रूप से रक्षा करेगा।”
भारतीय सेना के सूत्रों ने बुधवार को बताया था कि भारत और चीन के बीच एक महत्वपूर्ण समझौते के बाद पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध वाले दो स्थानों-डेमचोक और देपसांग से सैनिकों की वापसी पूरी हो गई है और जल्द ही इन जगहों पर गश्त शुरू कर दी जाएगी।
पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गश्त और सैनिकों को पीछे हटाने के लिए दोनों देशों के बीच बनी सहमति को चार साल से अधिक समय से जारी गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है।
जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गतिरोध बरकरार था और भारत-चीन संबंध निचले स्तर पर पहुंच गए थे।
भाषा नोमान माधव
माधव
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