भारतीय-अमेरिकियों ने उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया |

भारतीय-अमेरिकियों ने उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया

भारतीय-अमेरिकियों ने उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया

:   Modified Date:  October 10, 2024 / 12:52 PM IST, Published Date : October 10, 2024/12:52 pm IST

(ललित के झा)

वाशिगटन, 10 अक्टूबर (भाषा) भारतीय-अमेरिकियों ने उद्योगपति रतन नवल टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया और उन्हें भारत को समृद्धि तथा विकास की नई ऊंचाइयों की ओर अग्रसर करने वाले व्यक्ति के रूप में याद किया।

एक छोटे से औद्योगिक समूह को भारत के सबसे बड़े और सबसे प्रभावशाली उद्योग समूहों में तब्दील करने वाले टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा (86) ने दक्षिण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में बुधवार रात अंतिम सांस ली।

गूगल और अल्फाबेट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुंदर पिचाई ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘रतन टाटा के साथ गूगल में मेरी आखिरी मुलाकात में हमने ‘वेमो’ की प्रगति के बारे में बात की और उनका दृष्टिकोण प्रेरणादायक था। वह एक असाधारण व्यवसाय और परोपकारी विरासत छोड़ गए हैं। उन्होंने भारत में आधुनिक व्यावसायिक नेतृत्व को मार्गदर्शन प्रदान करने और विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।’’

अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (यूएसआईबीसी) के अध्यक्ष अतुल केशप ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि पद्म विभूषण से सम्मानित रतन टाटा ‘‘भारत के अद्वितीय और महान पुत्र, कुलीनता और उदारता के प्रतीक’’ थे।

‘इंडियास्पोरा’ के संस्थापक एम.आर. रंगास्वामी ने कहा, ‘‘इंडियास्पोरा समूह अत्यंत दुख के साथ रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त करता है।’’

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘उद्योग जगत में उनके असाधारण योगदान और सामाजिक कार्यों के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता ने न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया पर अमिट छाप छोड़ी है।

यूएस इंडिया स्ट्रेटेजिक एंड पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) के अध्यक्ष और सीईओ मुकेश अघी ने कहा कि रतन टाटा जैसे प्रतिष्ठित दूरदर्शी व्यक्ति के नेतृत्व की वजह से टाटा आज एक प्रतिष्ठित ब्रांड है।

कॉर्नेल विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट टाटा इस विश्वविद्यालय के पूर्व न्यासी थे और वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालय के सबसे बड़े दानदाता भी थे। विश्वविद्यालय ने बुधवार को एक बयान में यह बात कही।

विश्वविद्यालय के अंतरिम अध्यक्ष माइकल आई. कोटलिकॉफ ने कहा, ‘‘रतन टाटा ने भारत, कॉर्नेल और पूरे विश्व में एक असाधारण विरासत छोड़ी है।’’

कॉर्नेल विश्वविद्यालय के कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर, आर्ट एंड प्लानिंग के डीन जे. मीजिन यून ने कहा, ‘‘जब रतन टाटा ने आर्किटेक्चर में डिग्री के साथ कॉर्नेल से स्नातक किया था तो यह कल्पना करना असंभव था कि उनके दूरदर्शी नेतृत्व, परोपकार और मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का वैश्विक प्रभाव कई क्षेत्रों में शिक्षा और अनुसंधान को आगे बढ़ाने में होगा।’’

रतन टाटा 2006 से 2022 तक तीन बार कॉर्नेल के न्यासी रहे। उन्हें 2013 में कॉर्नेल का ‘आंत्रप्रेन्योर ऑफ द ईयर’ नामित किया गया।

अमेरिकी समाजसेवी इरा ड्रुकियर ने कहा, ‘‘रतन के जीवन और करियर पर नजर डालने पर, मैं न केवल उनके योगदान और उपलब्धियों के लिए कृतज्ञता से भर जाता हूं, बल्कि उनकी दयालुता, उदारता और शाश्वत आशावाद के प्रति भी गहरा सम्मान महसूस करता हूं।’’

भाषा यासिर नरेश

नरेश

 

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