(ललित के झा)
वाशिंगटन, पांच नवंबर (भाषा) अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों ने कनाडा में हिंदू मंदिर पर हुए हमले की मंगलवार को कड़ी निंदा की और इस हमले के लिए दोषी लोगों को गिरफ्तार करने और उन पर मुकदमा चलाने की मांग की।
मशहूर भारतीय-अमेरिकी भरत बरई ने ‘पीटीआई’ से कहा, ‘‘खालिस्तानी उपद्रवियों द्वारा कनाडा के ब्रैम्पटन स्थित हिंदू मंदिर पर किए गए घृणित हमले की मैं कड़ी निंदा करता हूं। इन उपद्रवियों ने खुलेआम पूजा स्थल और श्रद्धालुओं पर हमला किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कनाडाई अधिकारियों को इस बारे में पता था और उन्हें इसे रोकने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए थी। अब जब ऐसा हो चुका है, तो उन्हें इन हमलावरों को गिरफ्तार कर उन पर मुकदमा चलाना चाहिए।’’
भारतीय अमेरिकी समुदाय के जाने-माने नेता डॉ. अदापा प्रसाद ने कनाडा में हिंदू मंदिर और श्रद्धालुओं पर ‘गुमराह सिख खालिस्तानी अलगाववादियों द्वारा सुनियोजित हिंसक हमले’’ की निंदा की।
उन्होंने कहा, ‘‘कनाडा के प्रधानमंत्री (जस्टिन) ट्रूडो को दोषी ठहराया जाना चाहिए क्योंकि वह अपने वोट बैंक की राजनीति के लिए भारत और भारतीय-कनाडाई लोगों के खिलाफ नफरत फैला रहे हैं।’’
प्रसाद ने ‘पीटीआई’ से कहा, ‘‘यह देखना चौंकाने वाला और डरावना है कि एक पुलिसकर्मी अलगाववादी खालिस्तानी झंडा पकड़े हुए था, जबकि अन्य पुलिसकर्मी हमलावरों के साथ मंदिर जाने वालों पर लाठियों से हमला कर रहे थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा लग रहा है कि कनाडाई प्रशासन कनाडा में रह रहे भारतीय मूल के लोगों के खिलाफ आतंकवादियों और उपद्रवियों का समर्थन कर रहा है तथा कनाडा के राष्ट्रीय हितों को ताक पर रख रहा है।’’
दूसरी ओर, सिख समुदाय के प्रमुख नेता जसदीप सिंह जस्सी ने कहा कि हमले में शामिल लोग सिख नहीं हैं। उन्होंने मांग की कि कनाडा सरकार को इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘ये लोग सिख नहीं हैं। सिख ऐसा कभी नहीं कर सकते। सिख हमेशा हिंदुओं और मंदिरों की रक्षा के लिए खड़े रहते हैं।’’
उनकी योजना सिख समुदाय के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ ग्रेटर वाशिंगटन क्षेत्र के एक हिंदू मंदिर में जाने की है।
भाषा प्रीति अविनाश
अविनाश
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