भारत-यूक्रेन ने चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए; रक्षा, व्यापार संबंधों को प्रगाढ़ बनाने का संकल्प लिया |

भारत-यूक्रेन ने चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए; रक्षा, व्यापार संबंधों को प्रगाढ़ बनाने का संकल्प लिया

भारत-यूक्रेन ने चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए; रक्षा, व्यापार संबंधों को प्रगाढ़ बनाने का संकल्प लिया

:   Modified Date:  August 24, 2024 / 12:00 AM IST, Published Date : August 24, 2024/12:00 am IST

कीव, 23 अगस्त (भाषा) भारत और यूक्रेन ने शुक्रवार को चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए और रक्षा, व्यापार, चिकित्सा, हरित ऊर्जा और शिक्षा समेत कई प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने द्विपक्षीय संबंधों को और बेहतर बनाने की प्रतिबद्धता जताई।

दोनों नेताओं ने वार्ता के दौरान संबंधों को व्यापक साझेदारी से बढ़ाकर रणनीतिक साझेदारी बनाने की दिशा में काम करने में पारस्परिक रुचि भी व्यक्त की।

रक्षा सहयोग के महत्व को रेखांकित करते हुए मोदी और जेलेंस्की ने भारत में सैन्य उपकरणों के विनिर्माण के लिए संयुक्त सहयोग एवं साझेदारी और इस क्षेत्र में मजबूत संबंध बनाने की दिशा में काम करने पर सहमति व्यक्त की।

मोदी आज सुबह एक विशेष ट्रेन से कीव पहुंचे। यह 1991 में यूक्रेन के स्वतंत्र होने के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यूक्रेन यात्रा है।

हालांकि मोदी-जेलेंस्की की वार्ता मुख्य रूप से रूस-यूक्रेन संघर्ष पर केंद्रित रही, लेकिन विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि चर्चा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा द्विपक्षीय संबंधों पर केंद्रित था।

उन्होंने कहा कि व्यापार, आर्थिक मुद्दों, रक्षा, फार्मास्यूटिकल्स, कृषि, शिक्षा पर चर्चा हुई।

जयशंकर ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दोनों नेताओं ने भारत-यूक्रेन अंतर-सरकारी आयोग को विशेष रूप से व्यापार और आर्थिक संबंधों के पुनर्निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने का जिम्मा सौंपा।

एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि वार्ता के दौरान यूक्रेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए समर्थन दोहराया। वार्ता के बाद हस्ताक्षरित चार समझौते कृषि, खाद्य उद्योग, चिकित्सा, संस्कृति और मानवीय सहायता के क्षेत्रों में सहयोग से संबंधित हैं।

बयान में कहा गया है, ‘दोनों नेताओं ने व्यापार और वाणिज्य, कृषि, फार्मास्यूटिकल्स, रक्षा, शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा संस्कृति जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के अलावा डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, उद्योग, विनिर्माण, हरित ऊर्जा आदि जैसे क्षेत्रों में मजबूत साझेदारी की संभावना तलाशने पर चर्चा की।’

भाषा जोहेब अविनाश

अविनाश

 

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