वाशिंगटन, एक अक्तूबर (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि भारत ने कभी डॉलर को सक्रियता से निशाना नहीं बनाया तथा यह उसकी आर्थिक, राजनीति एवं रणनीतिक नीति का अंग नहीं रहा है। साथ ही उन्होंने इस बात की ओर ध्यान दिलाया कि अमेरिका की कुछ नीतियों के कारण भारत को अपने कुछ व्यापार भागीदारों के साथ डॉलर आधारित व्यापार करने में कठिनाई हो रही है।
उन्होंने एक शीर्ष अमेरिकी विशेषज्ञ संस्था ‘कार्निएज एंडोमेंट फार इंटरनेशनल पीस’ में डॉलर रहित व्यापार के बारे में पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में यह बात कही।
उनसे प्रश्न किया गया, ‘‘विश्व की एक संभावना के बारे में डॉलर रहित व्यापार के बारे में पूछना है। कई बार भारत ने वैकल्पिक मुद्रा के बारे में मंशा जतायी है। आप डॉलर की भूमिका को किस प्रकार देखते हैं और अपनी राष्ट्रीय नीति के बारे में आप इन परामर्शों को आप कैसे देखते हैं।’’
जयशंकर ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि आपने हमें किसी ओर से भ्रमित कर दिया है, क्योंकि हमने कभी सक्रियता से डॉलर को निशाना नहीं बनाया। यह हमारी आर्थिक नीति या हमारी राजनीतिक या रणनीतिक नीति का अंग नहीं है। कुछ अन्य की हो सकती है।’’
विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘मैं आपसे कहना चाहता हूं कि वहां स्वाभाविक चिंताएं होती हैं। हमारा प्राय: ऐसे भागीदारों के साथ व्यापार होता है जो डॉलर नहीं लेते। तो फिर हमें यह विचार करना होता है कि क्या हम डॉलर से विनिमय को छोड़ दें या कोई ऐसा अन्य इंतजाम करे जो अन्य तरीके से काम करता है। तो मैं कह सकता हूं कि डॉलर के प्रति कोई गलत मंशा नहीं है। हम अपना व्यापार करने का प्रयास कर रहे हैं।’’
उन्होंने इस बात की ओर ध्यान दिलाया कि भारत को अमेरिका की कुछ नीतियों के कारण अपने व्यापार भागीदारों के साथ डॉलर में व्यापार करना कठिन हो जाता है।
भाषा
माधव सुरेश
सुरेश
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