विश्व में संघर्षों और तनावों के समय भारत-आसियान संबंध महत्वपूर्ण : प्रधानमंत्री मोदी |

विश्व में संघर्षों और तनावों के समय भारत-आसियान संबंध महत्वपूर्ण : प्रधानमंत्री मोदी

विश्व में संघर्षों और तनावों के समय भारत-आसियान संबंध महत्वपूर्ण : प्रधानमंत्री मोदी

:   Modified Date:  October 10, 2024 / 08:23 PM IST, Published Date : October 10, 2024/8:23 pm IST

(तस्वीरों के साथ)

विएंतियान, 10 अक्टूबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत-आसियान समग्र साझेदारी को मजबूत करने के लिए बृहस्पतिवार को 10 सूत्री योजना की घोषणा की और कहा कि क्षेत्रीय समूह के साथ संबंध एशिया के भविष्य को दिशा देने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

यहां 21वें भारत-आसियान शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि पिछले दशक में आसियान देशों के साथ भारत का व्यापार दोगुना होकर अब 130 अरब डॉलर से अधिक हो गया है।

मोदी ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि 21वीं सदी, जिसे एशियाई सदी भी कहा जाता है, भारत की और आसियान देशों की सदी है।

वह आसियान देशों के नेताओं को संबोधित कर रहे थे जिनमें मलेशिया, थाइलैंड, ब्रूनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, म्यांमा, फिलीपीन, वियतनाम, लाओस और सिंगापुर शामिल हैं।

यहां 21वें भारत-आसियान शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने 10 साल पहले ‘एक्ट ईस्ट नीति’ की घोषणा की थी और पिछले दशक में इसने भारत और आसियान देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को नयी ऊर्जा, दिशा और गति दी है।

उन्होंने सम्मेलन के बाद सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘भारत-आसियान शिखर सम्मेलन फलदायी रहा। हमने इस बारे में चर्चा की कि भारत तथा आसियान के बीच समग्र रणनीतिक साझेदारी को और कैसे मजबूत किया जाए। हम व्यापार संबंधों, सांस्कृतिक संबंधों और प्रौद्योगिकी, कनेक्टिविटी तथा ऐसे अन्य क्षेत्रों में सहयोग को गहरा बनाने की आशा करते हैं।’’

भारत-आसियान साझेदारी को और मजबूत करने के लिए 10 सूत्री योजना में वर्ष 2025 को आसियान-भारत पर्यटन वर्ष के रूप में मनाना, नालंदा विश्वविद्यालय में छात्रवृत्तियों की संख्या को दोगुना करना और भारत में कृषि विश्वविद्यालयों में आसियान छात्रों के लिए नए अनुदान प्रदान करना शामिल है।

प्रधानमंत्री ने ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के एक दशक पूरा होने पर अनेक जन केंद्रित गतिविधियों की घोषणा की जिनमें युवा सम्मेलन, स्टार्टअप उत्सव, ‘हैकाथन’, संगीत उत्सव, आसियान-भारत नेटवर्क ऑफ थिंक टैंक और दिल्ली संवाद शामिल हैं।

मोदी ने आसियान-भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी विकास कोष के तहत आसियान-भारत महिला वैज्ञानिक सम्मेलन के आयोजन की भी घोषणा की।

उन्होंने कहा कि भारत आपदाओं से निपटने के लिए जुझारूपन का विस्तार करने के वास्ते 50 लाख डॉलर उपलब्ध कराएगा।

प्रधानमंत्री ने आसियान नेताओं को ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान में शामिल होने का भी आह्वान किया।

भारत-आसियान शिखर सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब क्षेत्र में दक्षिण चीन सागर में समुद्री मुद्दों को लेकर फिलीपीन और चीन के बीच तनाव है तथा म्यांमा में संकट है, जहां जातीय समूह सैन्य शासन से संघर्ष कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत-आसियान मैत्री, समन्वय वार्ता और सहयोग ऐसे समय में बहुत महत्वपूर्ण है जब विश्व के कई हिस्से संघर्ष और तनाव का सामना कर रहे हैं।’’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और आसियान देश पड़ोसी हैं और ‘वैश्विक दक्षिण’ में साझेदार हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हम शांतिप्रेमी देश हैं और एक दूसरे की राष्ट्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करते हैं तथा क्षेत्र के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’

मोदी ने कहा कि आसियान की केंद्रीयता को ध्यान में रखते हुए भारत ने 2019 में हिंद-प्रशांत महासागर पहल शुरू की थी।

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले साल, क्षेत्रीय सुरक्षा एवं स्थिरता के लिए समुद्री अभ्यास शुरू किए गए।’’

मोदी आसियान-भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलनों में भाग लेने तथा इन समूहों के देशों के साथ संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के लिए दो दिवसीय यात्रा पर लाओस में हैं।

भाषा वैभव अविनाश

अविनाश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)