भारत और कुवैत अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी में बदलने के लिए तैयार: प्रधानमंत्री मोदी |

भारत और कुवैत अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी में बदलने के लिए तैयार: प्रधानमंत्री मोदी

भारत और कुवैत अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी में बदलने के लिए तैयार: प्रधानमंत्री मोदी

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Modified Date: December 21, 2024 / 11:25 PM IST
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Published Date: December 21, 2024 11:25 pm IST

कुवैत सिटी/नयी दिल्ली, 21 दिसंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत और कुवैत के बीच गहरे और ऐतिहासिक संबंध हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों देश पूरे तेल और गैस के क्षेत्र में अवसरों की खोज करके अपने पारंपरिक क्रेता-विक्रेता संबंधों को एक रणनीतिक साझेदारी में बदलने के लिए तैयार हैं।

मोदी शनिवार को दो दिवसीय यात्रा पर कुवैत पहुंचे, जो चार दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा है।

कुवैत समाचार एजेंसी (केयूएनए) को दिए एक साक्षात्कार में मोदी ने उन प्रयासों में मदद करने की इच्छा व्यक्त की जिससे गाजा और यूक्रेन में शीघ्र शांति की बहाली हो सके।

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि युद्ध के मैदान में ऐसे संघर्षों का समाधान नहीं खोजा जा सकता।

उन्होंने मतभेदों को दूर करने तथा बातचीत के माध्यम से समाधान निकालने के लिए हितधारकों के बीच ईमानदार और व्यावहारिक सहभागिता के महत्व पर बल दिया।

साक्षात्कार के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने फलस्तीन के लिए एक संप्रभु, स्वतंत्र और सक्षम राज्य की स्थापना के वास्ते बातचीत द्वारा दो-देश समाधान के प्रति भारत के समर्थन को भी दोहराया।

कुवैत भारत का छठा सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता और चौथा सबसे बड़ा एलपीजी आपूर्तिकर्ता है।

मोदी ने कहा कि आगे सहयोग की अपार संभावनाएं हैं, क्योंकि भारत तीसरा सबसे बड़ा वैश्विक ऊर्जा, तेल और एलपीजी उपभोक्ता बनकर उभर रहा है।

उन्होंने कहा कि कुवैत के पास वैश्विक तेल भंडार का लगभग 6.5 प्रतिशत हिस्सा है।

मोदी ने कहा कि ‘पेट्रोकेमिकल’ क्षेत्र सहयोग के लिए एक और आशाजनक अवसर प्रदान करता है, क्योंकि भारत का तेजी से बढ़ता ‘पेट्रोकेमिकल’ उद्योग 2025 तक 300 अरब अमेरिकी डॉलर का हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच ऊर्जा साझेदारी केवल आर्थिक संबंधों का एक स्तंभ नहीं है, बल्कि यह विविध और टिकाऊ विकास के लिए एक प्रेरक शक्ति भी है, जो साझा समृद्धि के भविष्य की ओर मार्ग प्रशस्त करती है।

मोदी ने कहा कि खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

जीसीसी कुवैत सहित छह मध्य पूर्वी देशों का संगठन है। उन्होंने कहा कि खाड़ी देशों के साथ भारत के संबंध ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों पर आधारित हैं।

जीसीसी क्षेत्र भारत के कुल व्यापार का लगभग छठा हिस्सा है तथा यहां लगभग एक तिहाई भारतीय प्रवासी रहते हैं।

उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र (जीसीसी) में रहने वाले लगभग 90 लाख भारतीय इसकी आर्थिक वृद्धि में सकारात्मक योगदान दे रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय समुदाय दोनों देशों के बीच जीवंत सेतु का काम करता है।

उन्होंने कहा कि व्यापार और वाणिज्य उनके द्विपक्षीय संबंधों के महत्वपूर्ण स्तंभ रहे हैं।

साक्षात्कार में उन्होंने इस बात पर खुशी व्यक्त की कि ‘मेड इन इंडिया’ उत्पाद कुवैत में अपनी जगह बना रहे हैं।

उन्होंने कहा कि भारत आज सबसे किफायती लागत पर विश्व स्तरीय उत्पाद बना रहा है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि तेल के अलावा व्यापार में विविधता लाना द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि भारत और कुवैत के बीच गहरा और ऐतिहासिक संबंध है तथा दोनों देशों के बीच संबंध हमेशा गर्मजोशी और मैत्रीपूर्ण रहे हैं।

मोदी ने कहा कि दोनों देश अनादि काल से एक-दूसरे के साथ व्यापार करते आ रहे हैं।

भाषा

योगेश संतोष

संतोष

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)