(योषिता सिंह)
संयुक्त राष्ट्र, 18 सितंबर (भाषा) भारत ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में उस प्रस्ताव पर हुए मतदान में हिस्सा नहीं लिया जिसमें मांग की गई थी कि इजराइल कब्जे वाले फलस्तीनी क्षेत्र में अपनी अवैध मौजूदगी को 12 महीने के भीतर ‘‘बिना किसी विलंब’’ के हटाये।
इस 193 सदस्यीय महासभा ने प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। प्रस्ताव के पक्ष में 124 देशों ने मतदान किया तो 14 ने विरोध में मतदान किया तथा भारत समेत 43 देशों ने इसमें हिस्सा नहीं लिया।
मतदान में भाग नहीं लेने वालों में ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, इटली, नेपाल, यूक्रेन और ब्रिटेन शामिल हैं।
इजराइल और अमेरिका उन देशों में शामिल थे जिन्होंने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया। बुधवार को पारित प्रस्ताव में मांग की गई कि ‘‘इजराइल बिना किसी देरी के कब्जे वाले फलस्तीनी क्षेत्र में अपनी गैरकानूनी मौजूदगी को हटाये और ऐसा वर्तमान प्रस्ताव को अपनाने के 12 महीने के भीतर किया जाये।’’
फलस्तीन द्वारा तैयार प्रस्ताव में इजराइल सरकार द्वारा संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र के प्रासंगिक प्रस्तावों के तहत अपने दायित्वों की अवहेलना किये जाने की भी कड़ी निंदा की गई तथा इस बात पर जोर दिया गया कि ऐसे उल्लंघनों से क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा को गंभीर खतरा है।
इसमें कहा गया है कि इजराइल को कब्जे वाले फलस्तीनी क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय कानून के किसी भी उल्लंघन के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
भाषा
देवेंद्र अमित
अमित
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
लेबनान : पेजर हमले के एक दिन बार फिर उपकरणों…
18 mins agoमहसा अमीनी की मौत के दो साल पूरे होने के…
54 mins agoखबर लेबनान विस्फोट तीन
55 mins agoखबर संरा इजराइल गाजा प्रस्ताव
1 hour ago