इस्लामाबाद, 27 फरवरी (भाषा) पाकिस्तान की एक जवाबदेही अदालत ने मंगलवार को इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को 19 करोड़ पाउंड के अल-कादिर भ्रष्टाचार मामले में अभ्यारोपित किया। कई मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद फिलहाल जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए यह एक और झटका है।
न्यायाधीश नासिर जावेद राणा ने रावलपिंडी की उच्च सुरक्षा वाली अडियाला जेल में सुनवाई की जहां पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के संस्थापक भ्रष्टाचार के कई मामलों समेत राजनयिक गोपनीय दस्तावेज लीक करने के मामले में फिलहाल कैद में हैं।
अदालत में लाये गये खान और उनकी पत्नी बुशरा ने न्यायाधीश द्वारा उनकी उपस्थिति में आरोपपत्र पढ़ने के बाद खुद को दोषी मानने से इनकार किया।
खान को इसी मामले में नौ मई, 2023 को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के परिसर से गिरफ्तार किया गया था। उनकी गिरफ्तारी से देश भर में हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए, उनके समर्थक प्रदर्शनकारियों ने सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया था। इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने नौ मई को उनकी गिरफ्तारी को अवैध घोषित कर दिया था।
राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने अल कादिर विश्वविद्यालय ट्रस्ट के नाम पर सैकड़ों कैनाल भूमि के कथित अधिग्रहण के संबंध में खान, उनकी पत्नी और अन्य के खिलाफ दिसंबर में जांच शुरू की थी, जिसके परिणामस्वरूप सरकारी खजाने को 19 करोड़ पाउंड का नुकसान हुआ था।
जियो न्यूज ने खबर दी कि सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि इस मामले में 58 गवाहों के बयान रिकॉर्ड किये जाएंगे।
न्यायाधीश ने खान के खिलाफ आरोप तय करते समय उनसे पूछा कि क्या वह दोषी हैं या नहीं। खान ने जवाब दिया, ‘‘मुझे आरोपपत्र क्यों पढ़ना चाहिए जब मुझे पता है कि इसमें क्या लिखा है?’’ इसके बाद खान और उनकी पत्नी, दोनों ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया।
अदालत ने सुनवाई छह मार्च तक के लिए स्थगित कर दी और एनएबी के पांच गवाहों को भी सुनवाई में शामिल होने का आदेश दिया।
तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में जवाबदेही अदालत द्वारा दंपति को 14 साल जेल की सजा सुनाए जाने के बाद इस्लामाबाद में इमरान खान के बानी गाला आवास में बुशरा (49 वर्षीय) को कैद किया गया है।
अल-कादिर ट्रस्ट मामला 19 करोड़ पाउंड के निपटान से संबंधित है, जिसे ब्रिटेन की राष्ट्रीय अपराध एजेंसी ने पाकिस्तान के दिग्गज कारोबारी मलिक रियाज हुसैन से वसूली के बाद पाकिस्तान भेजा था।
उस समय प्रधानमंत्री होने के नाते खान ने राष्ट्रीय खजाने में पैसा जमा कराने के बजाय, व्यवसायी को कुछ साल पहले उच्चतम न्यायालय द्वारा लगाए गए लगभग 450 अरब रुपये के जुर्माने का आंशिक भुगतान करने के लिए राशि का उपयोग करने की अनुमति दे दी थी।
इसके बदले में कारोबारी ने कथित तौर पर पंजाब के झेलम जिले के सोहावा इलाके में अल-कादिर विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी द्वारा स्थापित ट्रस्ट को लगभग 57 एकड़ जमीन उपहार में दी थी।
हुसैन, उनके बेटे अहमद अली रियाज, मिर्ज़ा शहजाद अकबर और जुल्फी बुखारी भी इस मामले के संदिग्धों में शामिल हैं, लेकिन जांच और उसके बाद की अदालती कार्यवाही में शामिल होने के बजाय वे फरार हो गए और बाद में उन्हें भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया गया।
खान को अप्रैल 2022 में अविश्वास मत के माध्यम से सत्ता से बेदखल कर दिया गया था। सत्ता से बाहर होने के बाद से उनके खिलाफ 150 से अधिक मामले दर्ज कराए गए हैं। खान को 10 साल के लिए कोई भी सार्वजनिक पद संभालने के लिए भी अयोग्य घोषित कर दिया गया है।
भाषा संतोष वैभव
वैभव
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