मैं यूक्रेन संघर्ष को लेकर भारत, चीन, ब्राजील के लगातार संपर्क में हूं: राष्ट्रपति पुतिन |

मैं यूक्रेन संघर्ष को लेकर भारत, चीन, ब्राजील के लगातार संपर्क में हूं: राष्ट्रपति पुतिन

मैं यूक्रेन संघर्ष को लेकर भारत, चीन, ब्राजील के लगातार संपर्क में हूं: राष्ट्रपति पुतिन

:   Modified Date:  September 5, 2024 / 04:49 PM IST, Published Date : September 5, 2024/4:49 pm IST

मॉस्को, पांच सितंबर (भाषा) रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बृहस्पतिवार को भारत का नाम उन तीन देशों में शामिल किया जिनके साथ वह यूक्रेन संघर्ष के संबंध में लगातार संपर्क में हैं । उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे को सुलझाने के लिए पूरी ईमानदारी से प्रयास कर रहे हैं। सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास’ ने यह जानकारी दी।

पुतिन की यह टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यूक्रेन की ऐतिहासिक यात्रा के दो सप्ताह के बाद आई है, जहां उन्होंने राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ वार्ता की थी।

रूसी समाचार एजेंसी ने पुतिन के हवाले से अपनी खबर में कहा, ‘‘हम अपने मित्रों और साझेदारों का सम्मान करते हैं। हम इस संघर्ष से जुड़े सभी मुद्दों को ईमानदारी से सुलझाना चाहते हैं, मुख्य रूप से चीन, ब्राजील और भारत। मैं इस मुद्दे पर अपने सहयोगियों के साथ लगातार संपर्क में रहता हू।’’

रूसी राष्ट्रपति के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने इजवेस्तिया दैनिक को बताया कि भारत इस मुद्दे पर वार्ता का मार्ग प्रशस्त करने के लिए मदद कर सकता है।

मोदी और पुतिन के बीच ‘‘रचनात्मक और मैत्रीपूर्ण संबंधों’’ को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री ‘‘इस संघर्ष में शामिल लोगों से प्रत्यक्ष जानकारी प्राप्त करने की दिशा में अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं क्योंकि वह पुतिन, जेलेंस्की और अमेरिकियों के साथ स्वतंत्र रूप से संवाद करते हैं।’’

पेस्कोव ने कहा, ‘‘इससे भारत को वैश्विक मामलों में अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने का एक बड़ा मौका मिलता है और अमेरिका तथा यूक्रेन को अधिक राजनीतिक इच्छाशक्ति का इस्तेमाल करने और शांतिपूर्ण समाधान के रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया जा सकेगा।’’

उन्होंने हालांकि कहा कि इस मुद्दे पर मध्यस्थता करने की मोदी की ‘‘कोई विशेष योजना नहीं’’ है।

मोदी ने 23 अगस्त को यूक्रेन का दौरा किया था, जहां उन्होंने राष्ट्रपति जेलेंस्की से कहा था कि यूक्रेन और रूस को बिना समय बर्बाद किए युद्ध को समाप्त करने के लिए वार्ता करनी चाहिए तथा भारत क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए ‘‘सक्रिय भूमिका’’ निभाने को तैयार है।

भाषा देवेंद्र मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)