दुनिया भर में दर्द के मानवीय उद्गार लगभग एक जैसे हैं, नये अध्ययन में खुलासा |

दुनिया भर में दर्द के मानवीय उद्गार लगभग एक जैसे हैं, नये अध्ययन में खुलासा

दुनिया भर में दर्द के मानवीय उद्गार लगभग एक जैसे हैं, नये अध्ययन में खुलासा

:   Modified Date:  November 25, 2024 / 06:23 PM IST, Published Date : November 25, 2024/6:23 pm IST

(माया पोन्सोनेट, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय और क्रिस्टोफ डी.एम., हांगकांग विश्वविद्यालय)

हांगकांग, 25 नवंबर (द कन्वरसेशन) हम सभी जानते हैं कि जब हमारे पैर की अंगुली पर चोट लगती है या गलती से किसी बहुत गर्म चीज को छू लेते हैं तो अचानक हमारे मुंह से कौन से शब्द निकलते हैं। हममें से जो लोग अंग्रेजी बोलते हैं, उनके लिए यह शायद ‘आउच’ होगा।

लेकिन अन्य भाषाओं में ऐसे कौन से ‘शब्द या विस्मयादिबोधक’ हैं जिन्हें हम दर्द व्यक्त करने के लिए उपयोग करते हैं? और क्या इन विस्मयादिबोधक में भाषाओं में समान ध्वनियां होती हैं, जैसा कि हम उम्मीद कर सकते हैं कि इनसे दर्द को व्यक्त किया जा सकता है?

पत्रिका ‘द एकॉस्टिकल सोसाइटी ऑफ अमेरिका’ में प्रकाशित एक नया लेख पहली बार इस प्रश्न की जांच करता है। हमारे अध्ययन ने दुनिया भर में 130 से अधिक भाषाओं में दर्द, गुस्सा और खुशी व्यक्त करने वाले विस्मयादिबोधक में स्वरों (‘ए’, ‘आई’, ‘ओ’, आदि) को मापा। फिर हमने इनकी तुलना गैर-भाषाई स्वरों (जैसे कराहना, चीखना आदि) में स्वरों से की ताकि यह जांचा जा सके कि विस्मयादिबोधक और स्वरोच्चारण में समान ध्वनियां हैं या नहीं।

हमारे परिणाम बताते हैं कि दर्द के लिए विस्मयादिबोधक का पता वास्तव में गैर-भाषाई स्वरों से लगाया जा सकता है, लेकिन खुशी और गुस्से के लिए कहानी कम स्पष्ट है।

विस्मयादिबोधक क्या हैं, विस्मयादिबोधक स्वतंत्र शब्द होते हैं जिनका इस्तेमाल अपने आप किया जा सकता है (जैसे आउच! या वाव (वाह))। वे व्याकरण की दृष्टि से अन्य शब्दों के साथ संयोजित नहीं होते हैं।

चूंकि भाषाविद् अधिकतर व्याकरणिक संयोजनों का अध्ययन करते हैं, इसलिए लंबे समय तक उन्होंने विस्मयादिबोधक शब्दों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। यही कारण है कि उनके बारे में कुछ बहुत ही बुनियादी सवालों का जवाब अभी तक नहीं मिल पाया है, हालांकि विस्मयादिबोधक बोलचाल में बहुत आम हैं।

दर्द, गुस्सा और खुशी : हमारे शोध का मुख्य लक्ष्य यह पता लगाना था कि क्या विस्मयादिबोधक शब्दों में विभिन्न भाषाओं में समान स्वर होते हैं, जो उनके द्वारा व्यक्त की जाने वाली भावना या प्रभाव पर आधारित होते हैं।

इसका परीक्षण करने के लिए, हमने अफ्रीका, एशिया, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप की कई भाषाओं के शब्दकोशों से दर्द, गुस्सा और खुशी के विस्मयादिबोधक एकत्र किए (131 भाषाओं में 500 से अधिक विस्मयादिबोधक)।

हमारे विस्मयादिबोधक शब्दों की गैर-विस्मयादिबोधक शब्दों से तुलना करने के लिए, हमने अपने नमूने में भाषाओं के शब्दों की व्यापक सूचियों वाले बड़े डेटाबेस का उपयोग किया। इनके परीक्षणों से पता चला कि औसतन, हमारे द्वारा एकत्र किए गए दर्द के विस्मयादिबोधक में सबसे अधिक ‘ए’, ‘ऐ’ और ‘एयू’ जैसे स्वर हैं। यह दुनिया के उन सभी क्षेत्रों पर लागू होता है जिनकी हमने जांच की।

(द कन्वरसेशन) शफीक रंजन

रंजन

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)