How to work Iron Dome Defence System? : येरुशलम: एशिया का मिडिल ईस्ट में इन दिनों आग की बारिश हो रही है। यहूदी देश इजरायल और ईरान के बीच भयंकर युद्ध जारी है। दोनों ही देशों की तरफ से जल, थल और आसमान से एक-दूसरे पर घातक मिसाइल और ड्रोन से रॉकेट दागे जा रहे है। इस युद्ध की चपेट में आकर हर दिन सैकड़ों लोगों की मौत भी हो रही है। दुनिया भर के बड़े नेता दोनों देशों से शान्ति की अपील कर रहे हैं लेकिन इसका कोई असर नहीं हो रहा हैं। इजरायल सिर्फ ईरान से नहीं बल्कि अलग-अलग मोर्चों पर लड़ाई लड़ रहा है। ईरान का अलावा फिलस्तीन की तरफ से हमास, लेबनान में हिज्बुल्ला और यमन के विद्रोही दल हूती ने भी उनके खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है।
लेकिन देखा जा रहा हैं कि इजरायल के हथियार लेबनान और ईरान को जितना नुकसान पहुंचा रहे हैं उतना नुकसान इजराइल को नहीं हो रहा हैं। इजरायल हमलों के साथ-साथ अपने बचाव पर भी काम करता दिखाई पड़ रहा है। इसके लिए वह आयरन डोम नामक कवज का इस्तेमाल कर रहा हैं। यह कवच दुसरे देशों के मिसाइल और ड्रोन रॉकेट को इजरायल पर गिरने से पहले ही हवा में नष्ट कर देता हैं। दुनिया में सम्भवतः पहली बार इस प्रणाली को देखा और समझा हैं। तो आइये जानते हैं क्या यह आयरन डोम जो इजराइल के लिए किसी लक्ष्मण रेखा की तरह काम कर रहा है?
How to work Iron Dome Defence System? : आयरन डोम दरअसल छोटी दूरी का ज़मीन से हवा में मार करने वाला एयर डिफेंस सिस्टम है, जिसमें एक रडार और तामिर इंटरसेप्टर मिसाइल शामिल होते हैं जो इजरायल पर हमला करने वाली मिसाइलों या रॉकेटो को ट्रैक करके उन्हें बेअसर कर देते है। इसका उपयोग रॉकेट, तोप और मोर्टार के साथ-साथ विमान, हेलीकॉप्टर तथा मानव रहित हवाई वाहनों का प्रतिरोध करने के लिये किया जाता है। सबसे खास बात ये हैं कि यह दिन और रात सहित सभी मौसमों में कार्य करने में सक्षम है।
इसे राज्य द्वारा संचालित राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम और इज़रायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज़ द्वारा विकसित किया गया है तथा इसे वर्ष 2011 में तैनात किया गया था। राफेल इसकी सफलता दर 90% से अधिक का दावा करती है, जिसमें 2,000 से अधिक अवरोधन हैं। हालाँकि विशेषज्ञ इसकी सफलता दर 80% से अधिक मानते हैं। यह तैनात और युद्धाभ्यासरत बलों, फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस तथा शहरी क्षेत्र को अप्रत्यक्ष एवं हवाई खतरों से बचा सकता है।
How to work Iron Dome Defence System?: आयरन डोम में तीन मुख्य प्रणालियाँ होती हैं, जो अपनी तैनाती क्षेत्र को सुरक्षा कवच प्रदान करने के लिये एक साथ कार्य करती हैं।
रडार: इसमें किसी भी खतरे का पता लगाने के लिये एक डिटेक्शन और ट्रैकिंग रडार है।
हथियार नियंत्रण: इसमें युद्ध प्रबंधन और हथियार नियंत्रण प्रणाली है।
मिसाइल फायर: इसमें मिसाइल फायरिंग यूनिट भी है। बीएमसी मूल रूप से रडार और इंटरसेप्टर मिसाइल के बीच संपर्क स्थापित करता है।