मॉडर्ना का कोविड टीका कितना सुरक्षित, कैसे बचाता है कोरोना से, देखें वो सब जो आप जानना चाहते हैं | How does the covid vaccine of Moderna work and how safe is it?

मॉडर्ना का कोविड टीका कितना सुरक्षित, कैसे बचाता है कोरोना से, देखें वो सब जो आप जानना चाहते हैं

मॉडर्ना का कोविड टीका कितना सुरक्षित, कैसे बचाता है कोरोना से, देखें वो सब जो आप जानना चाहते हैं

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:54 PM IST, Published Date : May 16, 2021/11:28 am IST

क्वींसलैंड (ऑस्ट्रेलिया), 16 मई (द कन्वर्सेशन)।  बोस्टन स्थित फार्मास्युटिकल कंपनी मॉडर्ना ने कोविड-19 के अपने टीके की 2.5 करोड़ खुराकों के लिए ऑस्ट्रेलिया के साथ नये आपूर्ति समझौते की रातों-रात घोषणा की है। इस समझौते में एक करोड़ खुराक कोरोना वायरस के मूल स्वरूप के खिलाफ हैं जिनकी आपूर्ति इस साल की जानी है।

कनाडा, अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में इस टीके का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहा है लेकिन यह टीका काम कैसे करता है, कितना सुरक्षित है और कोरोना वायरस के परिवर्तित स्वरूपों पर कारगर है या नहीं इसे लेकर कई सवाल हैं।

कई देशों और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने आपातकालीन प्रयोग के तहत इसके इस्तेमाल को स्वीकृति दी है।

ऑस्ट्रेलिया के साथ हुए मॉडर्ना के सौदे में इसके अद्यतन प्रकार समर्थक (वैरिएंट बूस्टर) संभावित टीके की 1.5 करोड़ खुराकें भी शामिल हैं जो 2022 तक उपलब्ध कराई जा सकती हैं।
Read More: राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के इन 4 जिलों में बढ़ा ‘कोरोना कर्फ्यू’, क्राइसेस मैनेजमेंट की बैठक में फैसला 

यह सौदा ऑस्ट्रेलिया के औषध नियामक, थेरेप्यूटिक गुड्स एडमिनिस्ट्रेशन (टीजीए) की स्वीकृति के अधीन है- मूल टीके और बूस्टर दोनों के लिए। मॉडर्ना द्वारा ‘जल्द’ ही इस संबंध में टीजीए के समक्ष एक आवेदन जमा किए जाने की संभावना है।

मॉडर्ना का टीका कैसे काम करता है?

मूल प्रकार के खिलाफ मॉडर्ना का टीका दो खुराकों में दिया जाता है।

दोनों टीकें और इसका अद्यतन बूस्टर टीका एमआरएनए टीके हैं (जैसे फाइजर का टीका है)। इस टीके में हमारी कोशिकाओं को कोरोना वायरस का ‘स्पाइक प्रोटीन’ बनाने के लिए आनुवंशिक निर्देश होते हैं। एमआरएनए एक तैलीय खोल में लिपटा होता है जो शरीर में इसे तत्काल विकृत होने से रोकता है और सुनिश्चित करता है कि टीका लगने के बाद यह कोशिकाओं तक पहुंचे।

एक बार एमआरएनए कोशिका में पहुंच जाए तो यह स्पाइक प्रोटीन में बदल जाता है जिसे हमारा प्रतिरक्षा तंत्र पहचान लेता है। हमारा प्रतिरक्षा तंत्र स्पाइक प्रोटीन के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित करता है और यह सीखता है कि अगर भविष्य में कभी कोरोना वायरस हमारे शरीर में प्रवेश करे तो उससे कैसे लड़ना है।

मॉडर्ना का टीका शून्य से 20 डिग्री सेल्सियस नीचे के तापमान पर छह माह तक स्थिर रह सकता है। इसे 30 दिन तक चार डिग्री सेल्सियस पर फ्रिज में रखा जा सकता है।
ये भी पढ़ेंPM मोदी ने कोरोना रोकथाम पर भूपेश बघेल से की चर्चा,…

ज्यादातर फार्मास्युटिकल लॉजिस्टिक कंपनियां शून्य से 20 डिग्री सेल्सियस नीचे के तापमान पर उत्पादों के भंडारण एवं परिवहन में सक्षम होती हैं, इसलिए इस टीके का भंडारण एवं वितरण तुलनात्मक रूप से आसान है। वहीं, फाइजर के एमआरएनए आधारित कोविड-19 टीके को लंबे वक्त तक शून्य से 60 डिग्री सेल्सियस नीचे के तापमान पर भंडारण की आवश्यकता होती है। हालांकि बिना खुली शीशियों को दो हफ्तों तक फ्रीजर के तापमान पर रखा जा सकता है।

क्या यह टीका सुरक्षित और प्रभावी है?

टीके की सुरक्षा एवं प्रभावशीलता के बारे में बात करें तो टीके के तीसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण में यह कोविड-19 से बचाव में 91 प्रतिशत प्रभावी साबित होने के साथ ही बीमारी के कई गंभीर स्वरूपों से पूर्ण संरक्षण देने वाला भी पाया गया।

ये भी पढ़ेंमुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया ‘अरपा उत्थान एवं तट संवर्धन कार्य’ का शिलान्यास, 93 करोड़ 70 लाख रुपये की लागत से होगा काम

अनुसंधानकर्ताओं को सुरक्षा संबंधी कोई चिंता नजर नहीं आई और सामान्य दुष्प्रभावों में इंजेक्शन लगने वाली जगह पर क्षणिक दर्द और तीन दिन तक सिरदर्द या थकान देखने को मिली।

हालांकि क्लिनिकल परीक्षण, सार्स-सीओवी-2 के चिंताजनक प्रकारों के सामने आने से पहले के हैं।

वायरस के विभिन्न प्रकारों से सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिहाज से बाद के अध्ययनों में पाया गया कि ये प्रकार मॉडर्ना के टीके से बचकर निकल रहे हैं। प्रारंभिक अध्ययनों में वायरस के बी.1.351 प्रकार के खिलाफ थोड़ा सा कम प्रभावी पाया गया।

Read More: पीएम मोदी 2022 में बनेंगे राष्ट्रपति, फिर राष्ट्रपति शासन लागू कर चलाएंगे सरकार, किसान नेता का बयान

क्या यह वायरस के अलग अलग स्वरूपों से सुरक्षा प्रदान करता है?

इन आंकड़ों के जवाब में, मॉडर्ना ने बी.1.351 प्रकार में मौजूद स्पाइक प्रोटीन में बदलाव के कारण अपने एमआरएनए टीके के फार्मूले को अद्यतन किया। इस साल मार्च में, उसने प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न करने में वैरिएंट टीके की सुरक्षा एवं सामर्थ्य को जांचने के लिए पहले और दूसरे चरण का क्लिनिकल परीक्षण शुरू किया । प्रारंभिक अध्ययनों में यह बी.1.351 प्रकार के खिलाफ एंटीबॉडीज बनाने में प्रभावी दिखा है।

यह संभव है कि मॉडर्ना कोरोना वायरस के भविष्य में सामने आने वाले स्वरूपों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करने के लिए अपने टीके को अद्यतन करने में सक्षम होगी जिससे हम उभरते स्वरूपों से लोगों को तेजी से सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं।