(गुरदीप सिंह)
सिंगापुर, 20 जुलाई (भाषा) हूती विद्रोहियों द्वारा कथित रूप से किए गए हमले में सिंगापुर के ध्वज वाला एक जहाज क्षतिग्रस्त हो गया। सिंगापुर के समुद्री और बंदरगाह प्राधिकरण (एमपीए) ने शुक्रवार को एक बयान में यह जानकारी दी।
एमपीए ने बताया कि उसे सूचना मिली कि अदन की खाड़ी से गुजरने के दौरान कंटेनर जहाज ‘लोबिविया’ पर हमला हुआ जिससे इसमें आग लग गई। इसने कहा कि हालांकि चालक दल ने आग को बुझा दिया।
चैनल न्यूज एशिया ने अधिकारियों का हवाला देते हुए बताया कि चालक दल में सिंगापुर का कोई नागरिक शामिल नहीं था और जहाज पर सभी कर्मचारी सुरक्षित हैं।
उन्होंने कहा कि हूती विद्रोहियों के हमले के बावजूद जहाज सोमालिया के बरबेरा बंदरगाह पहुंचने में सफल रहा जहाँ जरूरत पड़ने पर क्षति का आकलन और मरम्मत का काम किया जाएगा।
एमपीए ने कहा कि वह किसी भी तरह की आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए पोत प्रबंधक के संपर्क में है।
सिंगापुर की नौसेना ने भी अदन की खाड़ी में अपने सुरक्षा साझेदारों को सहायता प्रदान करने के लिए सतर्क कर दिया है।
हूती विद्रोहियों के सैन्य प्रवक्ता प्रवक्ता ने टेलीविजन पर कहा कि समूह ने लोबिविया पर बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन से हमला किया।
ब्रिटेन के समुद्री व्यापार परिचालन निकाय ने बताया कि जहाज पर यमन के बंदरगाह शहर अदन से लगभग 83 समुद्री मील दक्षिण-पूर्व में दो मिसाइलों से दो बार हमला किया गया।
चैनल न्यूज एशिया ने ब्रिटिश सुरक्षा फर्म एम्ब्रे के हवाले से कहा, ‘‘जहाज अदन की खाड़ी से गुजरते हुए उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ रहा था कि तभी पास में स्थित एक व्यापारिक पोत ने लोबिविया की मौजूदगी वाले क्षेत्र में ‘रोशनी और विस्फोट’ देखा।’’
एम्ब्रे ने कहा कि जहाज ने तुरंत बचाव की मुद्रा अपनाई और लगभग एक घंटे बाद अपनी स्वचालित पहचान प्रणाली को बंद कर दिया।
यमन के हूती विद्रोहियों ने गत नवंबर से लाल सागर और अदन की खाड़ी से गुजरने वाले पोतों पर ड्रोन और मिसाइल हमलों की झड़ी लगा रखी है। उनका कहना है कि ये हमले गाजा में इजराइल के युद्ध से प्रभावित फलिस्तीनियों के प्रति समर्थन जताने के लिए किए जा रहे हैं।
इन हमलों में अब तक दो जहाज डूब चुके हैं और एक अन्य को जब्त किए जाने के साथ ही तीन नाविक मारे गए हैं। हमलों की वजह से स्वेज नहर से होने वाला वैश्विक व्यापार गंभीर रूप से बाधित हुआ है।
मंगलवार को, लाइबेरिया के ध्वज वाले तेल टैंकर चियोस लायन को लाल सागर में हुए हमले के बाद नुकसान का आकलन करने और संभावित तेल रिसाव की जांच करने के लिए वापस लौटने को मजबूर होना पड़ा। ब्रिटेन और अमेरिका फरवरी से जवाबी हमले करते रहे हैं। इनमें कई ड्रोन को मार गिराया गया है तथा यमन में हमले के लिए इस्तेमाल की जाने वाली जगहों पर बमबारी की गई है।
भाषा नेत्रपाल
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