राजनीतिक प्रतिशोध के लिए न्यायपालिका को हथियार बना रही यूनुस सरकार : हसीना के पुत्र वाजिद |

राजनीतिक प्रतिशोध के लिए न्यायपालिका को हथियार बना रही यूनुस सरकार : हसीना के पुत्र वाजिद

राजनीतिक प्रतिशोध के लिए न्यायपालिका को हथियार बना रही यूनुस सरकार : हसीना के पुत्र वाजिद

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Modified Date: December 25, 2024 / 01:01 PM IST
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Published Date: December 25, 2024 1:01 pm IST

वाशिंगटन, 25 दिसंबर (भाषा) बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे संजीब वाजिद ने मोहम्मद यूनुस नीत अंतरिम सरकार पर अवामी लीग के नेताओं के खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध के लिए न्यायपालिका का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।

वाजिद ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक लंबी पोस्ट में अपने आरोप लगाए हैं। इससे दो दिन पहले सोमवार को अंतरिम सरकार ने कहा था कि उसने नयी दिल्ली को राजनयिक पत्र भेजकर हसीना को भारत प्रत्यर्पित करने की मांग की है।

हसीना (77) पांच अगस्त से भारत में हैं। वह अपने देश में छात्रों के एक बड़े आंदोलन के चलते अपनी अवामी लीग की 16 साल पुरानी सरकार गिरने के बाद बांग्लादेश छोड़कर भारत पहुंची थीं।

बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने ‘‘मानवता और नरसंहार के खिलाफ अपराधों’’ के लिए हसीना और कई पूर्व कैबिनेट मंत्रियों, सलाहकारों तथा सैन्य एवं असैन्य अधिकारियों के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं।

वाजिद ने मंगलवार को अपनी पोस्ट में कहा, ‘‘अनिर्वाचित यूनुस नीत सरकार द्वारा नियुक्त न्यायाधीशों और अभियोजकों ने अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के माध्यम से हास्यास्पद सुनवाई प्रक्रिया का संचालन किया, जो इसे एक राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई बनाता है जिसमें इंसाफ को छोड़ दिया गया और अवामी लीग नेतृत्व को सताने के लिए एक और हमला किया गया।’’

आईटी पेशे से जुड़े वाजिद अमेरिका में रहते हैं और हसीना की सरकार में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के सलाहकार रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘कंगारू न्यायाधिकरण और उसके बाद प्रत्यर्पण का अनुरोध ऐसे समय में किया गया है, जब सैकड़ों नेताओं और कार्यकर्ताओं की न्यायेतर हत्या की जा रही है, उन पर हत्या के संगीन आरोप लगाए जा रहे हैं, कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा हजारों लोगों को अवैध रूप से कैद किया जा रहा है और शासन की अनदेखी के कारण हर रोज लूटपाट, तोड़फोड़ और आगजनी सहित हिंसक हमले हो रहे हैं।’’

भारत ने सोमवार को नयी दिल्ली में बांग्लादेश के उच्चायुक्त से एक राजनयिक पत्र प्राप्त होने की पुष्टि की थी लेकिन इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

भारत-बांग्लादेश प्रत्यर्पण संधि के प्रावधानों के अनुसार अगर अपराध राजनीतिक स्वरूप का है तो प्रत्यर्पण से इनकार किया जा सकता है।

बांग्लादेश के अघोषित विदेश मंत्री तौहीद हुसैन ने कहा कि ढाका चाहता है कि हसीना वापस आएं और न्यायिक प्रक्रिया का सामना करें।

वाजिद ने आरोप लगाया कि युद्ध अपराधियों का बचाव करने के प्रमाणित रिकॉर्ड के बावजूद यूनुस शासन द्वारा आईसीटी न्यायाधिकरण के मुख्य अभियोजक नियुक्त ताजुल इस्लाम ने हसीना के खिलाफ “जानबूझकर गलत सूचना अभियान चलाया” और दावा किया कि इंटरपोल ने उनके खिलाफ रेड नोटिस जारी किया है।

वाजिद ने इसे “यूनुस के हितों की पूर्ति के लिए हसीना को प्रत्यर्पित करने तथा हास्यास्पद मुकदमा चलाने की एक हताशापूर्ण कोशिश” करार दिया।

भाषा वैभव मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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