पेशावर (पाकिस्तान), 22 नवंबर (भाषा) पाकिस्तान के उत्तर पश्चिम खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सरकारी कर्मचारियों को आधिकारिक रूप से चेतावनी जारी कर कहा गया है कि वे जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी द्वारा रविवार को प्रस्तावित प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लें और सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल नहीं करें, वरना उन्हें इसके लिए गंभीर नतीजे भुगतने होंगे।
गृह मंत्रालय ने खैबर पख्तूनख्वा (केपी) के मुख्य सचिव को एक पत्र के माध्यम से यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि ‘‘राज्य मशीनरी, उपकरण, अधिकारी और धन’’ का उपयोग ‘‘राजनीतिक दल द्वारा राजनीतिक विरोध के लिए’’ नहीं किया जाना चाहिए। पत्र जारी होने के कुछ समय बाद सरकारी कर्मचारियों को ये चेतावनी सामने आई है।
खान की कट्टर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) संघीय स्तर पर गठबंधन का नेतृत्व करती है, जबकि उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) का खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में शासन है।
आधिकारिक पत्र अक्टूबर में पीटीआई द्वारा किए गए पिछले विरोध के मद्देनजर जारी किए गए थे, जब अली अमीन गंडापुर के नेतृत्व वाली पीटीआई नीत सरकार द्वारा प्रांत के सरकारी संसाधनों और जनशक्ति का व्यापक इस्तेमाल किया गया था।
पीटीआई ने पिछले सप्ताह तीन मांगों को लेकर इस्लामाबाद तक एक लंबे मार्च का आह्वान किया है। इन मांगों में जेल में बंद पार्टी संस्थापक की रिहाई, आठ फरवरी के चुनावों के दौरान कथित ‘‘जनादेश की चोरी’’ और संविधान के हाल के 26वें संशोधन को रद्द करके न्यायपालिका की बहाली शामिल है। संविधान के हाल के 26वें संशोधन ने शीर्ष न्यायाधीशों की नियुक्ति में विधायकों को अधिक शक्ति प्रदान की है।
पख्तूनख्वा के महानिरीक्षक (आईजी) अख्तर हयात गंडापुर ने क्षेत्रीय पुलिस अधिकारियों (आरपीओ) को लिखे पत्र में उन्हें राजनीतिक गतिविधियों का हिस्सा नहीं बनने का निर्देश दिया है।
इससे पहले चौधरी ने आईजी, प्रांतीय सचिवों, आयुक्तों और पुलिस अधिकारियों को संबोधित करते हुए पत्र में कहा था कि पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को राजनीतिक नेतृत्व के केवल उन्हीं आदेशों का पालन करना चाहिए, जो संवैधानिक ढांचे के भीतर हों।
भाषा सुरभि नरेश
नरेश
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