सरकार का कहना है कि ज्यादा लोगों को एआई का इस्तेमाल करना चाहिए, जानिए यह गलत क्यों है |

सरकार का कहना है कि ज्यादा लोगों को एआई का इस्तेमाल करना चाहिए, जानिए यह गलत क्यों है

सरकार का कहना है कि ज्यादा लोगों को एआई का इस्तेमाल करना चाहिए, जानिए यह गलत क्यों है

:   Modified Date:  September 7, 2024 / 03:00 PM IST, Published Date : September 7, 2024/3:00 pm IST

(एरिका मेली, यूनिवर्सिटी ऑफ द सनशाइन कोस्ट)

मेलबर्न, सात सितंबर (द कन्वरसेशन) ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने इस सप्ताह स्वैच्छिक कृत्रिम मेधा (एआई) सुरक्षा मानक पेश किया। साथ ही एक प्रस्ताव पत्र भी जारी किया जिसमें तेजी से बढ़ती प्रौद्योगिकी के उपयोग के अधिक विनियमन का आह्वान किया गया है।

उद्योग एवं विज्ञान मंत्री एड ह्यूसिक की ओर से जारी एक संदेश में कहा गया है :

हम चाहते हैं कि अधिक लोग एआई का उपयोग करें और ऐसा करने के लिए हमें भरोसा कायम करने की आवश्यकता है।

लेकिन लोगों को इस तकनीक पर भरोसा करने की आवश्यकता क्यों है? और वास्तव में ज्यादा लोग इसका उपयोग करें इसकी जरूरत क्यों है?

एआई प्रणाली अत्यधिक बड़े डेटा सेट में काम करने में निपुण होती है जिसमें उन्नत गणित का उपयोग किया जाता है जो अधिकतर लोगों को नहीं आता है। हालांकि, इनसे ऐसे परिणाम आते हैं जिनकी पुष्टि करने का हमारे पास कोई तरीका नहीं है। यहां तक ​​कि प्रमुख, अत्याधुनिक सिस्टम भी ऐसा आउटपुट देते हैं जो त्रुटियों से भरा होता है।

ऐसा लगता है कि ‘चैट जीपीटी’ समय के साथ कम सटीक होता जा रहा है। बहुत सटीक काम करने के बाद भी यह आपको यह नहीं बता सकता कि ‘स्ट्रॉबेरी’ शब्द में कौन से अक्षर आते हैं। वहीं, गूगल का ‘जेमिनी’ चैटबोट पिज्जा पर गोंद लगाने जैसे अजीबोगरीब सुझाव दे चुका है।

यह सब देखते हुए, एआई के प्रति लोगों का अविश्वास पूरी तरह से उचित लगता है। इसका अधिक उपयोग खतरनाक भी साबित हो सकता है।

एआई के जोखिम

एआई से ‘‘अस्तित्व संबंधी खतरे’’ के बारे में बहुत कुछ कहा जा चुका है और यह भी कि कैसे यह नौकरियों में कमी का कारण बनेगा।

अन्य नुकसानों में सहकर्मियों और प्रियजनों के ‘डीप फेक’ के जरिये धोखाधड़ी भी शामिल है।

संघीय सरकार की हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि मनुष्य एआई की तुलना में अधिक प्रभावी, कुशल और उत्पादक है।

ऐसा नहीं है कि एआई की मदद से काम करना, काम करने का बेहतरीन तरीका है लेकिन बात यह है कि जब कोई नयी तकनीक हमारे बीच आती है तो हम अक्सर बिना सोचे-समझे इसका इस्तेमाल करते हैं।

ज्यादा से ज्यादा लोग एआई का उपयोग करें इसके लिए प्रोत्साहित करने के बजाय, हम सभी को यह सीखना चाहिए कि एआई का अच्छा और बुरा इस्तेमाल क्या है।

हमें तकनीक पर भरोसा करना चाहिए या सरकार पर?

अगर ज्यादा लोग एआई का इस्तेमाल करेंगे तो इससे आस्ट्रेलिया की सरकार को क्या मिल जाएगा?

सबसे बड़ा जोखिम निजी डेटा का लीक होना है। ये उपकरण हमारी निजी जानकारी, हमारी बौद्धिक संपदा आदि को उस पैमाने पर एकत्रित कर रहे हैं जो पहले कभी नहीं हुआ।

चैट जीपीटी, गूगल जेमिनी, ओटर डॉट एआई और अन्य एआई मॉडल के मामले में, इस डेटा का अधिकांश भाग ऑस्ट्रेलिया में संसाधित नहीं किया जाता है।

ये कंपनियां पारदर्शिता, गोपनीयता और सुरक्षा की बात तो करती हैं, लेकिन अक्सर यह पता लगाना मुश्किल होता है कि क्या आपके डेटा का इस्तेमाल उनके नये मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए किया जाता है? वे इसे कैसे सुरक्षित रखती हैं, या अन्य संगठनों या सरकारों की भी उस डेटा तक पहुंच है या नहीं?

हाल ही में ‘सरकारी सेवा’ मंत्री बिल शॉर्टन ने सरकार का ‘ट्रस्ट एक्सचेंज कार्यक्रम’ पेश किया, जिसमें ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों के और अधिक डेटा एकत्र करने के बारे में चिंता जताई गई।

‘ऑटोमेशन बायस’ वह शब्दावली है, जिसका उपयोग उपयोगकर्ताओं को यह विश्वास दिलाने के लिए किया जाता है कि तकनीक उनसे ‘अधिक स्मार्ट’ है। एआई पर बहुत अधिक भरोसा ऑस्ट्रेलियाई लोगों के लिए और भी अधिक जोखिम पैदा करता है। पर्याप्त शिक्षा के बिना तकनीक के अधिक उपयोग को प्रोत्साहित करके हम अपनी आबादी को ऐसी निगरानी और नियंत्रण की ओर ढकेल सकते हैं जो अपने आप ही काम कर रही है।

आइए ऑस्ट्रेलियाई लोगों की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करें, उन्हें एआई का उपयोग करने और उस पर भरोसा करने के लिए मजबूर न करें।

(द कन्वरसेशन) शोभना पारुल

पारुल

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)