(अदिति खन्ना)
रोम, 31 अक्टूबर (एपी) स्कॉटलैंड के ग्लासगो शहर में रविवार से शुरू हुए संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन के मद्देनजर इस शहर के सम्मान में सुदूर अंटार्कटिका में एक ग्लेशियर का नाम ‘ग्लासगो ग्लेशियर’ रखा गया है।
तेजी से पिघल रहे 100 किलोमीटर लंबे हिमशैल का लीड्स विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने सीओपी26 शिखर सम्मेलन के अवसर पर औपचारिक नामकरण किया है। यह इस बात की याद दिलाता है कि जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में तत्काल कार्रवाई कितनी जरूरी है।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा, ‘‘प्रकृति के इस चमचमाते विशालकाय हिस्से का नाम उस शहर के नाम पर रखा जाएगा जहां अगले सप्ताह मानव जाति धरती के भविष्य के लिए लड़ने के इरादे से एकत्रित होगी, जो हमें इस बात की याद दिलाता है कि हम संरक्षण के लिए क्या काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं उम्मीद करता हूं कि अगले सप्ताह सभी देश जिम्मेदारी और आकांक्षा की भावना से एकत्रित होंगे ताकि हम 1.5 डिग्री के लक्ष्य को जीवंत रख सकें।’’
ग्लासगो के अलावा आठ नये ग्लेशियरों का नाम जिनेवा, रियो, बर्लिन, क्योतो, बाली, स्टॉकहोम, पेरिस और इंचियन रखा गया है। सभी उन शहरों के नाम पर हैं जहां संयुक्त राष्ट्र की महत्वपूर्ण जलवायु शिखर वार्ताओं के आयोजन हुए।
लीड्स स्कूल ऑफ अर्थ एंड एनवॉयरमेंट की पीएचडी शोधार्थी हीथर सेली ने पश्चिम अंटार्कटिका के गेज बेसिन में 14 ग्लेशियरों की पहचान की है जो जलवायु परिवर्तन के कारण 1994 से 2018 के बीच 25 प्रतिशत के औसत से पिघल रहे हैं।
फरवरी 2021 में प्रकाशित सेली के एक अध्ययन के अनुसार पिछले 25 साल में क्षेत्र से 315 गीगाटन बर्फ पिघल चुकी है। यह ओलंपिक आकार के 12.6 करोड़ स्वीमिंग पूल के अंदर आने वाले पानी के बराबर हो सकती है।
भाषा वैभव नरेश
नरेश
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)