कोविड एंटीवायरल मिलना इस बात पर निर्भर कि आप कहां रहते हैं और कितने संपन्न हैं |

कोविड एंटीवायरल मिलना इस बात पर निर्भर कि आप कहां रहते हैं और कितने संपन्न हैं

कोविड एंटीवायरल मिलना इस बात पर निर्भर कि आप कहां रहते हैं और कितने संपन्न हैं

Edited By :  
Modified Date: October 7, 2024 / 04:32 PM IST
,
Published Date: October 7, 2024 4:32 pm IST

(पीटर ब्रेडॉन, कार्यक्रम निदेशक, स्वास्थ्य एवं वृद्ध देखभाल, ग्राटन इंस्टीट्यूट)

मेलबर्न, सात अक्टूबर (द कन्वरसेशन)चिकित्सा विशेषज्ञों ने कोविड-19 की चपेट में आ चुके 70 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों और इस बीमारी से गंभीर रूप से बीमार होने एवं अस्पताल में भर्ती होने के जोखिम वाले अन्य समूहों को एंटीवायरल लेने की सलाह दी है।

लेकिन ऑस्ट्रेलिया में कई बुजुर्ग कोविड की चपेट में आने के बाद ‘एंटीवायरल’ से वंचित रह गए हैं। एक तरह से यह स्वास्थ्य प्रणाली सबसे कमजोर लोगों को सुविधा देने में असफल साबित हो रही है।

कौन रह गया ?

हमने मार्च 2022 और सितंबर 2023 के बीच कोविड एंटीवायरल के उपयोग का विश्लेषण किया। हमने पाया कि कुछ समूहों के एंटीवायरल दवाओं से वंचित होने की संभावना अधिक थी, जिनमें मूल निवासी, पिछड़े इलाकों के लोग और सांस्कृतिक और भाषाई रूप से विविध पृष्ठभूमि के लोग शामिल थे।

कुछ अंतर संक्रमण की अलग-अलग दरों के कारण होंगे। लेकिन इस 18 महीने की अवधि में, कई बुजुर्ग ऑस्ट्रेलियाई कम से कम एक बार संक्रमित हुए, और कुछ वंचित समुदायों में संक्रमण की दर अधिक थी।

ये अंतर कितने गहरे हैं?

राष्ट्रीय औसत की तुलना में, ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासियों को एंटीवायरल दवा मिलने की संभावना लगभग 25 प्रतिशत कम थी, वंचित क्षेत्रों में रहने वाले वृद्धों को एंटीवायरल दवा मिलने की संभावना 20 प्रतिशत कम थी जबकि सांस्कृतिक या भाषाई रूप से विविध पृष्ठभूमि वाले लोगों को एंटीवायरल दवा मिलने की संभावना 13 प्रतिशत कम थी।

दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों को बड़े शहरों में रहने वाले लोगों की तुलना में एंटीवायरल मिलने की संभावना 37 प्रतिशत कम थी जबकि क्षेत्र से बाहर के इलाकों में रहने वाले लोगों को एंटीवायरल मिलने की संभावना 25 प्रतिशत कम थी।

यहां तक ​​कि एक ही शहर के भीतर भी, अंतर बहुत ज्यादा है। सिडनी के समृद्ध पूर्वी उपनगरों (वौक्लूस, पॉइंट पाइपर और बॉन्डी सहित) में 70 साल से ज्याद उम्र के लोगों को एंटीवायरल मिलने की संभावना सिडनी के दक्षिण-पश्चिम में फेयरफील्ड के लोगों की तुलना में लगभग दोगुनी थी।

क्यों लोग एंटीवायरल लेने से रह गये ?

कोविड एंटीवायरल तभी लेनी चाहिए जब लक्षण पहली बार दिखें। कोविड एंटीवायरल के बारे में आम तौर पर लोगों में जागरूकता बहुत है, लेकिन लोग अक्सर यह नहीं समझ पाते कि उन्हें दवा से फायदा होगा। वे तब तक इंतजार करते हैं जब तक स्थिति बिगड़ नहीं जाए और तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।

बार-बार चिकित्सक के पास जाने से बहुत फर्क पड़ता है। हमारे विश्लेषण में पाया गया कि 70 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोग जो ज्यादा बार चिकित्सक के पास जाते हैं, उन्हें कोविड एंटीवायरल दिए जाने की संभावना ज्यादा होती है।

नियमित तौर पर चिकित्सक के पास जाने से निवारक देखभाल और रोगी शिक्षा का अवसर मिलता है। उदाहरण के लिए चिकित्सक उच्च जोखिम वाले मरीजों को ‘‘कोविड उपचार योजना’’ बता सकते हैं ताकि उन्हें याद दिलाया जा सके कि जैसे ही वे अस्वस्थ हों, उन्हें तुरंत परीक्षण करवाना चाहिए और उपचार करवाना चाहिए।

देखभाल उन लोगों को मिलनी चाहिए जिन्हें इसकी जरूरत है

हमने जिस अवधि में अध्ययन किया, उसके बाद से ऐसे साक्ष्य सामने आए हैं जो एंटीवायरल के प्रभाव को लेकर संदेह पैदा करते हैं, खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें गंभीर बीमारी का कम जोखिम है। इसका अभिप्राय है कि एंटीवायरल लेने से ज्यादा जरूरी टीका लगवाना है।

लेकिन एंटीवायरल दवाएं लेने के पात्र सभी आस्ट्रेलियाई को ये दवाएं मिलने की समान संभावना होनी चाहिए।

इन दवाओं की कीमत 1.7 अरब ऑस्ट्रेलियाई डॉलर से ज़्यादा है, जिसमें से अधिकतर राशि संघीय सरकार ने दी है। हालांकि इन दवाओं की वितरण दर में कमी आई है, अगस्त में कोविड एंटीवायरल के 30,000 से ज़्यादा पैक वितरित किए गए, जिनकी कीमत लगभग 3.5 करोड़ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर थी।

इतने बड़े निवेश में इतने सारे लोगों को पीछे नहीं छोड़ना चाहिए। इलाज मिलना आपकी आय, सांस्कृतिक पृष्ठभूमि या आप कहां रहते हैं, इस पर निर्भर नहीं होना चाहिए। इसके बजाय, देखभाल उन लोगों तक पहुंचनी चाहिए जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है।

विदेशों में जन्मे लोगों की कोविड से मौत की आशंका यहां जन्मे लोगों की तुलना में 40 प्रतिशत अधिक है। मूल ऑस्ट्रेलियाई लोगों की कोविड से मरने की आशंका गैर-मूल लोगों की तुलना में 60 प्रतिशत अधिक है। सबसे वंचित लोगों की कोविड से मरने की आशंका सबसे अमीर क्षेत्रों के लोगों की तुलना में 2.8 गुना अधिक है।

मरीजों की जरूरत पूरी करने के लिए तीन सूत्रीय योजना

संघीय सरकार को निवारक देखभाल में इन अंतर को पाटने के लिए तीन कार्य करने चाहिए।

सबसे पहले, सरकार को प्राथमिक स्वास्थ्य नेटवर्क (पीएचएन) को एंटीवायरल नहीं लेने की दर को कम करने के लिए जिम्मेदार बनाना चाहिए। प्राथमिक देखभाल में सुधार के लिए जिम्मेदार क्षेत्रीय निकायों, पीएचएन को चिकित्सकों के साथ आंकड़े साझा करना चाहिए और उन समुदायों में इसे बढ़ावा देने के लिए कदम उठाना चाहिए जो इससे वंचित हैं।

दूसरा, सरकार को अपने ‘मायमेडिकेयर’ सुधारों का विस्तार करना चाहिए। मायमेडिकेयर उन रोगियों की देखभाल के लिए लचीला वित्तपोषण प्रदान करता है जो वृद्धाश्रम में रहते हैं या जिन्हें अक्सर अस्पताल में इलाज की जरूरत होती है। इस दृष्टिकोण को सभी रोगियों तक विस्तारित किया जाना चाहिए, तथा गरीब और बीमार रोगियों के लिए अधिक धनराशि उपलब्ध कराई जानी चाहिए।

तीसरा, टीम-आधारित फार्मासिस्ट की नियुक्ति शुरू की जानी चाहिए। फिर फार्मासिस्ट मरीज को एंटीवायरल दवाएं जल्दी से दे सकते हैं, अगर उनके पास मरीज के चिकित्सक की पहले से ही सहमति हो। यह एक ऐसा तरीका है जो हृदय रोग जैसी पुरानी बीमारियों में दवाएं देने के लिए भी काम करेगा।

(द कन्वरसेशन) धीरज नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers