दुबई, 22 अगस्त (एपी) लाल सागर में संदिग्ध हूती विद्रोहियों द्वारा किए गए सिलसिलेवार हमले में क्षतिग्रस्त तेल टैंकर पर सवार 29 नाविकों को यूरोपीय संघ मिशन के तहत एक फ्रांसीसी विध्वंसक पोत ने बचा लिया है। साथ ही इलाके में बम ले जाने वाली एक ड्रोन नौका को भी नष्ट कर दिया। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
यमन के हूती विद्रोहियों पर यूनान के इस टैंकर ‘सोयूनियन’ पर हमला करने का संदेह है। यह हमला, पिछले कुछ हफ्तों में लाल सागर में व्यापारिक जहाजों को निशाना बनाकर किए गए हमलों में सबसे गंभीर हमला है।
यह हमला, गाजा पट्टी में इजराइल-हमास युद्ध के दौरान जहाजों को निशाना बनाने वाले हूती विद्रोहियों के महीनों लंबे अभियान के दौरान हुआ है। इन हमलों से यह अहम व्यापार मार्ग बाधित हुआ है। इस मार्ग से हर साल करीब 1000 अरब अमेरिकी डॉलर के माल की ढुलाई होती है।
यूरोपीय संघ के अभियान संचालकों ने बताया कि ‘सोयूनियन’ ने लाल सागर में लंगर डाल दिया है और अब अनियंत्रित होकर नहीं बह रहा है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि जहाज में अब भी आग लगी हुई है या नहीं। जहाज पर फिलीपीन और रूस के नाविक सवार थे।
सैन्य अधिकारियों ने बचाव कार्य में शामिल फ्रांसीसी विध्वंसक पोत का नाम नहीं बताया।
ब्रिटिश सेना से संबद्ध ब्रिटिश समुद्री व्यापार संचालन केंद्र (यूकेएमटीओ) ने बताया था कि छोटी-छोटी नौकाओं से आए हमलावरों ने बुधवार को यमन में विद्रोहियों के कब्जे वाले होदेइदिया बंदरगाह से करीब 140 किलोमीटर पश्चिम में जहाज को छोटे हथियारों से निशाना बनाया। उसने बताया कि जहाज पर चार रॉकेट भी दागे गए, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि ये मिसाइल से किए गए हमले हैं या ड्रोन से दागे गए रॉकेट।
हूती विद्रोहियों ने तत्काल हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन पूर्व में भी वे ऐसे हमलों की जिम्मेदारी घटना के कई घंटे या कई दिन बाद लेते रहे हैं।
पिछले साल अक्टूबर में गाजा पट्टी में इजराइल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक हूती विद्रोहियों ने करीब 80 जहाजों को मिसाइलों और ड्रोन से निशाना बनाया है। उन्होंने एक जहाज पर कब्जा कर लिया, जबकि दो को डुबो दिया और इस दौरान चार नाविक मारे गए।
विद्रोहियों का दावा है कि उन्होंने गाजा में हमास के खिलाफ इजराइल के युद्ध को खत्म करने के लिए इजराइल, अमेरिका या ब्रिटेन से जुड़े जहाजों को निशाना बनाया है। हालांकि, जिन जहाजों पर हमला किया गया, उनमें से कई का संघर्ष से कोई संबंध नहीं है, जिनमें ईरान जाने वाले कुछ जहाज भी शामिल हैं।
एपी धीरज सुरेश
सुरेश
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