कोलंबो, 27 जून (भाषा) श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे एक आधिकारिक यात्रा के लिए बृहस्पतिवार को बीजिंग रवाना हुए, जहां वह प्रधानमंत्री ली कियांग और विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात करके चीन के साथ श्रीलंका के ऋण समझौते पर चर्चा करेंगे।
चीन श्रीलंका का सबसे बड़ा ऋणदाता है। श्रीलंका ने जब 2022 में खुद को दिवालिया घोषित किया था तब उस पर 40 अरब अमेरिकी डॉलर का विदेशी कर्ज था, जिसमें 52 प्रतिशत ऋण चीन का था।
राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने बुधवार को घोषणा की थी कि पेरिस में भारत और चीन समेत ऋणदाताओं के साथ ऋण पुनर्गठन समझौतों को अंतिम रूप दे दिया गया है।
उन्होंने इस घटनाक्रम को एक ‘महत्वपूर्ण उपलब्धि’ बताया, जिससे आर्थिक संकट से जूझ रहे देश पर दूसरे देशों का विश्वास बढ़ेगा।
ऋण पुनर्गठन समझौते में 2043 तक 4.2 अरब अमेरिकी डॉलर के चीनी ऋण को चुकाना शामिल है। इस ऋण का बड़ा हिस्सा राजपक्षे के राष्ट्रपति रहते 2005 से 2015 के दौरान लिया गया था।
बृहस्पतिवार को ‘डेली मिरर’ ने सूत्रों के हवाले से खबर दी कि राजपक्षे परिवार के 78 वर्षीय मुखिया महिंदा चीन के विदेश मंत्री वांग के निमंत्रण पर यह यात्रा कर रह हैं। राजपक्षे को पंचशील के सिद्धांत की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित कार्यक्रमों में शिरकत के लिए आमंत्रित किया गया है।
समाचार पोर्टल ने लिखा है, ‘कार्यक्रमों के दौरान राजपक्षे प्रधानमंत्री ली और मंत्री यी के साथ आपसी हितों और श्रीलंका के लिए लाभकारी विकास परियोजनाओं पर चर्चा करेंगे।’
भाषा जोहेब नरेश
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