लाहौर, 11 जनवरी (भाषा) पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार को लाहौर उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर नौ मई की हिंसा से जुड़े आठ मामलों में अग्रिम जमानत का अनुरोध किया।
जेल में बंद खान (72) ने अपनी याचिका में दलील दी है कि वह घटनाओं के समय इस्लामाबाद में राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) की हिरासत में थे और उन्हें राजनीतिक उत्पीड़न के तहत झूठा फंसाया गया। खान ने कहा है कि वह पिछले दो साल से इन मामलों से संबंधित कानूनी कार्रवाइयों का सामना कर रहे हैं।
खान ने अपने खिलाफ दर्ज मामलों को ‘‘राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई’’ करार दिया। खान ने अदालत को बताया कि उन्हें ‘‘राजनीतिक उत्पीड़न’’ का सामना करना पड़ रहा है और पिछले दो वर्षों से कई ‘‘फर्जी’’ मामलों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने अदालत से अग्रिम जमानत मंजूर करने का अनुरोध किया।
‘पाकिस्तान टुडे’ की खबर के अनुसार, याचिका में अदालत से सभी आठ मामलों में जमानत देने और उनकी रिहाई का आदेश देने का आग्रह किया गया है। इससे पहले, लाहौर आतंकवाद रोधी अदालत ने जिन्ना हाउस हमले सहित इन मामलों में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
खान का नाम नौ मई की घटनाओं से संबंधित 12 मामलों में है। हालांकि उन्हें उनमें से चार मामलों में पहले ही जमानत मिल चुकी है।
खान कई मामलों में 2023 के मध्य से रावलपिंडी की अदियाला जेल में हैं। फरवरी 2024 में आम चुनावों के बाद से खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ का संघीय सरकार के साथ टकराव जारी है।
भाषा आशीष माधव
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