विदेश सचिव मिस्री, नेपाल के उपप्रधानमंत्री व विदेश मंत्री से मिले, द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की |

विदेश सचिव मिस्री, नेपाल के उपप्रधानमंत्री व विदेश मंत्री से मिले, द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की

विदेश सचिव मिस्री, नेपाल के उपप्रधानमंत्री व विदेश मंत्री से मिले, द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की

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Modified Date: August 12, 2024 / 10:38 PM IST
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Published Date: August 12, 2024 10:38 pm IST

(तस्वीर के साथ)

(शिरीष बी. प्रधान)

काठमांडू, 12 अगस्त (भाषा) भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार को अपने नेपाली समकक्ष सेवा लमसल के साथ व्यापक चर्चा की। दोनों शीर्ष राजनयिकों ने विभिन्न द्विपक्षीय पहलों और विकास परियोजनाओं में हुई प्रगति की समीक्षा की तथा आगे सहयोग के अवसरों पर बातचीत की।

मिस्री की दो-दिवसीय यात्रा पिछले महीने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के नेतृत्व में नयी सरकार के गठन के बाद नेपाल में भारतीय विदेश सचिव की पहली यात्रा है।

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘उनकी व्यापक चर्चा में भारत और नेपाल के बीच बहुआयामी सहयोग के विभिन्न पहलू शामिल थे।’’

इसमें कहा गया कि दोनों विदेश सचिवों ने विभिन्न द्विपक्षीय पहलों और विकास परियोजनाओं में हुई प्रगति की समीक्षा की तथा आगे सहयोग के अवसरों पर चर्चा की।

नेपाली के विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी एक पोस्ट में लिखा, ‘‘दोनों पक्ष द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने और साझा चुनौतियों का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’

नेपाल के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, दोनों पक्षों ने नेपाल और भारत संबंधों के समग्र पहलुओं की समीक्षा की, जिसमें ऊर्जा और बिजली क्षेत्र, भौतिक और डिजिटल संपर्क, कृषि, पर्यटन व्यापार और पारगमन तथा लोगों के बीच संबंधों के क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग शामिल हैं।

बयान के मुताबिक, दोनों विदेश सचिवों ने दोनों पक्षों के बीच नियमित द्विपक्षीय तंत्रों के माध्यम से अग्रिम संपर्क जारी रखने पर सहमति व्यक्त की।

मिस्री ने नेपाल के उपप्रधानमंत्री और शहरी विकास मंत्री प्रकाश मान सिंह, उपप्रधानमंत्री और वित्त मंत्री बिष्णु प्रसाद पौडेल, गृहमंत्री रमेश लेखक और विदेश मंत्री डॉ. आरजू राणा देउबा से भी मुलाकात की।

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘इन बैठकों के दौरान विभिन्न पारस्परिक रूप से लाभकारी क्षेत्रों में भारत-नेपाल सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की गई।’’

बयान के मुताबिक, विभिन्न बैठकों के दौरान दोनों पक्षों ने भारत और नेपाल के बीच घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंधों की पुष्टि की, जो ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, सभ्यतागत और लोगों के बीच संबंधों में गहराई से निहित हैं।

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘दोनों पक्षों ने हाल के वर्षों में द्विपक्षीय सहयोग, विशेष रूप से संपर्क के विभिन्न क्षेत्रों- भौतिक, डिजिटल, ऊर्जा के साथ-साथ लोगों से लोगों के बीच, में हुई पर्याप्त प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। यह सड़कों, पुलों, एकीकृत जांच चौकियों, सीमा पार रेलवे के साथ-साथ पेट्रोलियम पाइपलाइनों से संबंधित बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के स्थिर कार्यान्वयन में प्रकट होती है।’’

बयान के मुताबिक, दोनों पक्षों ने विद्युत क्षेत्र सहयोग के पारस्परिक लाभकारी साझेदारी में हुई प्रगति की भी सराहना की, जिसमें हाल के वर्षों में पर्याप्त प्रगति हुई है।

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, इस संदर्भ में यह संतोष के साथ उल्लेख किया गया कि पिछले दो-तीन वर्षों में भारत को नेपाल के जलविद्युत निर्यात में कई गुना वृद्धि ने नेपाल के लिए राजस्व का एक अतिरिक्त स्रोत और भारत के लिए स्वच्छ ऊर्जा का स्रोत पैदा किया है। बयान के अनुसार, 2026 में नेपाल के ‘एलडीसी’ दर्जे से आगे बढ़ने में विद्युत क्षेत्र के सहयोग की भूमिका पर भी प्रकाश डाला गया।

मिस्री ने अन्य वरिष्ठ राजनीतिक नेताओं और नागरिक समाज के सदस्यों से भी मुलाकात की।

भारतीय विदेश सचिव ने रविवार को प्रधानमंत्री ओली और राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल से मुलाकात की और यहां नयी सरकार के गठन के बाद से हिमालयी राष्ट्र के साथ विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की।

उन्होंने भारत के नेतृत्व की ओर से उन्हें शुभकामनाएं दीं और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न पहलुओं में हो रही प्रगति से भी उन्हें अवगत कराया।

मिस्री ने नेपाल यात्रा के दौरान हिमालीय राष्ट्र के शहरी विकास मंत्रालय के सचिव मणि राम गेलल के साथ मिलकर काठमांडू के पुराने शहर के रक्ताकाली में प्रख्यात नेपाली कवि, कवि केसरी चित्तधर ‘हृदय’ से जुड़े ऐतिहासिक आवासीय भवन ‘नेपाल भाषा परिषद’ का भी संयुक्त रूप से उद्घाटन किया।

यह 2015 के विनाशकारी भूकंप के बाद भारत सरकार की सहायता से शुरू की गई, 28 सांस्कृतिक क्षेत्र पुनर्निर्माण परियोजनाओं में से एक है।

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘नेपाल भारत की पड़ोसी प्रथम नीति के तहत एक प्राथमिकता वाला साझेदार है। विदेश सचिव की यात्रा ने दोनों देशों के बीच नियमित उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा को जारी रखा और हमारे द्विपक्षीय संबंधों को और आगे बढ़ाने में मदद की।’’

नेपाल स्थित भारतीय दूतावास ने इससे पहले सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी पोस्ट में कहा, ‘‘विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने नेपाल की माननीय विदेश मंत्री डॉ. आरजू राणा देउबा से मुलाकात की। आपसी हित के द्विपक्षीय मामलों और सभी क्षेत्रों में भारत-नेपाल द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की।’’

नेपाल के विदेश मंत्री के प्रेस सलाहकार येकराज पाठक ने कहा, ‘‘इस अवसर पर मंत्री राणा ने हवाई संपर्क का मुद्दा उठाया और भारत सरकार से नेपाल के लिए अतिरिक्त हवाई मार्ग उपलब्ध कराने का अनुरोध किया।’’

प्रेस सलाहकार ने बताया कि मंत्री ने विभिन्न सीमा चौकियों के माध्यम से भारत से आयातित सब्जियों और फलों की गुणवत्ता की जांच के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में प्रयोगशालाओं की स्थापना से जुड़े मुद्दे को भी उठाया।

विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने भारत सरकार से पंचेश्वर बहुउद्देशीय परियोजना के बचे कार्यों को पूरा करने का भी अनुरोध किया।

उन्होंने टनकपुर बांध और बड़गंगा से संबंधित मामलों के साथ-साथ राप्ती नदी में बाढ़ को नियंत्रित करने और इससे जुड़े जोखिमों को कम करने के लिए भारतीय सहायता पर भी चर्चा की।

सूत्रों के मुताबिक, राणा ने भारत के साथ व्यापार और पारगमन से संबंधित वार्ता को जारी रखने का मुद्दा भी उठाया।

मिस्री उपप्रधानमंत्री और गृह मंत्री रमेश लेखक से भी मुलाकात करेंगे। नेपाल की यात्रा समाप्त करने से पहले वह लमसल द्वारा आयोजित रात्रिभोज में शामिल हुए।

भाषा धीरज सुरेश

सुरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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