रोम, 25 नवंबर (एपी) दुनिया के अग्रणी औद्योगिक देशों के विदेश मंत्री सोमवार को बैठक कर रहे हैं, जबकि यूक्रेन और पश्चिम एशिया में युद्ध निर्णायक चरण में पहुंच चुके हैं तथा नए अमेरिका के नए प्रशासन के कार्यभार संभालने से पहले कूटनीतिक प्रयासों को आगे बढ़ाने का दबाव भी है।
रोम के बाहर हो रही समूह-सात की बैठक के एजेंडे में गाजा और लेबनान में युद्ध विराम कराने की उम्मीदें सबसे प्रमुख हैं। बैठक में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका के मंत्री शामिल हो रहे हैं।
दो दिवसीय बैठक के पहले दिन सोमवार को जी-7 में सऊदी अरब, मिस्र, जॉर्डन, संयुक्त अरब अमीरात और कतर के मंत्री तथा अरब लीग के महासचिव शामिल होंगे।
इटली के विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘भागीदारों के साथ गाजा और लेबनान में युद्ध विराम तक पहुंचने के प्रयासों का समर्थन करने के तरीकों, आबादी का समर्थन करने की पहल और क्षेत्र में स्थिरता के लिए एक विश्वसनीय राजनीतिक क्षितिज को बढ़ावा देने पर चर्चा की जाएगी।’’
मेजबान देश इटली के विदेश मंत्री एंटोनियो तजानी ने अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय द्वारा इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, उनके पूर्व रक्षा मंत्री और हमास के सैन्य प्रमुख के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए जाने के बाद पिछले सप्ताह जी7 एजेंडे में एक और विषय जोड़ा।
इटली समूह का संस्थापक सदस्य है और 1998 में अस्तित्व में आए समूह के लिए रोम सम्मेलन की मेजबानी भी इसी ने की थी।
इटली की दक्षिणपंथी सरकार सात अक्टूबर को हमास के हमलों के बाद से इजराइल का प्रबल समर्थन कर रही है, साथ ही गाजा में फलस्तीनियों को मानवीय सहायता भी प्रदान कर रही है।
इतालवी सरकार ने सतर्कतापूर्ण रुख अपनाया है, अदालत के प्रति अपने समर्थन और सम्मान की पुष्टि की है। हालांकि उसने चिंता व्यक्त करते हुए वारंट को राजनीति से प्रेरित बताया।
इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के बयान को दोहराते हुए कहा, ‘‘इजराइल राष्ट्र की जिम्मेदारियों और आतंकवादी संगठन हमास के बीच कोई समानता नहीं हो सकती है।’’
एपी सुरभि मनीषा
मनीषा
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