चेहरे के जरिए भुगतान: एफआरपीटी का इस्तेमाल करने के लिए कैसे राजी होंगे ग्राहक |

चेहरे के जरिए भुगतान: एफआरपीटी का इस्तेमाल करने के लिए कैसे राजी होंगे ग्राहक

चेहरे के जरिए भुगतान: एफआरपीटी का इस्तेमाल करने के लिए कैसे राजी होंगे ग्राहक

:   Modified Date:  September 4, 2024 / 02:58 PM IST, Published Date : September 4, 2024/2:58 pm IST

(गैरी मॉर्टाइमर, ब्रेयन डब्ल्यू कीटिंग, शाशा वेंग, क्वींसलैंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय/ लास्जलो सैजटोस, ऑकलैंड विश्वविद्यालय)

ब्रिस्बेन, चार सितंबर (द कन्वरसेशन) आपने कभी अपने चेहरे का इस्तेमाल करके अपना स्मार्टफोन खोला होगा। अगर आपने विदेश यात्रा की होगी तो देश से बाहर जाते या दाखिल होते समय अपने चेहरे का इस्तेमाल किया होगा। यहां तक कि आपने अपनी ऑनलाइन डेटिंग प्रोफाइल सत्यापित करने के लिए भी अपने चेहरे को स्कैन किया होगा, लेकिन क्या आप अपनी सुबह की कॉफी का भुगतान करने के लिए अपने चेहरे का इस्तेमाल करना चाहेंगे?

चेहरा पहचानने संबंधी प्रौद्योगिकी नयी नहीं है, लेकिन चेहरे के माध्यम से भुगतान करने की प्रौद्योगिकी (एफआरपीटी) नयी है और बहुत तेजी से बढ़ रही है।

एक अनुमान के अनुसार 2021 में चीन की कुल आबादी में से लगभग एक तिहाई यानी 49 करोड़ 50 लाख लोगों ने खरीददारी के लिए एफआरपीटी का उपयोग किया। 2025 में जेपी मॉर्गन और जापान की एनईसी कॉरपोरेशन जैसे वित्तीय संस्थानों ने एफआरपीटी लागू करने की योजना बनाई है।

लेकिन ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के खरीददार इतनी आसानी से इस तकनीक को अपना लेंगे?

-चेहरे के माध्यम से भुगतान का मनोविज्ञान-

हमारे नए शोध में उन मनोवैज्ञानिक कारकों का गहनता से अध्ययन किया गया है जो खरीदारों को एफआरपीटी आजमाने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।

बुनियादी मनोवैज्ञानिक आवश्यकता सिद्धांत के अनुसार, नयी तकनीक को अपनाते समय लोगों की तीन बुनियादी जरूरतें होती हैं: स्वायत्तता (तकनीक पर महारत व नियंत्रण की भावना), क्षमता (तकनीक में अखंडता, विश्वसनीयता और विश्वास की भावना) और संबद्धता (तकनीक के साथ जुड़ाव या जानकारी की भावना)।

हमने 21 संभावित उपयोगकर्ताओं के गहन साक्षात्कार किए, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उन्हें इस तकनीक को अपनाने के लिए क्या चीज प्रेरित कर सकती है – और क्या उन्हें इससे दूर कर सकता है।

यदि खरीददारों को जानकारी हो, तकनीक सुविधाजनक लगे, खुदरा विक्रेता पर भरोसा हो और उन्हें प्रोत्साहित किया जाए तो उनकी स्वायत्तता व क्षमता संतुष्ट हो जाती है। इसके बाद, वे एफआरपीटी को आजमाने और अपनाने के लिए तैयार हो सकते हैं।

हमारे शोध प्रतिभागियों ने कई तरीकों से जानकारी हासिल की, जिसमें सामान्य इंटरनेट स्रोत, समाचार वेबसाइट, सोशल मीडिया और स्वयं खुदरा विक्रेता शामिल थे।

सुविधाजनक कारक, जैसे कि सुनिश्चित तेज भुगतान, उपयोग में आसानी और समय की बचत ने प्रतिभागियों को प्रोत्साहित किया। एक प्रतिभागी ने कहा: ‘हां, मुझे लगता है कि अगर (एफआरपीटी) में सब कुछ शामिल हो, तो यह शायद अधिक सुविधाजनक होगा।”

ब्रांड का नाम, प्रतिष्ठा, ग्राहक सेवा और खुदरा विक्रेता के साथ नियमित संपर्क ने खरीदारों के विश्वास के स्तर को अधिक प्रभावित किया। इससे उनके एफआरपीटी को आजमाने के इरादे प्रभावित हुए। दूसरे प्रतिभागी ने हमें बताया: ‘मैं एक छोटी दुकान या राष्ट्रीय ब्रांड की तुलना में ‘वूलवर्थ’ (ऑनलाइन खरीदारी का माध्यम) पर ज़्यादा भरोसा करता हूं, क्योंकि मेरा मानना ​​है कि वूलवर्थ अपनी छवि बनाए रखेगा, वे ग्राहक डेटा और अपनी छवि का ख्याल रखेंगे।’

अंततः, एफआरपीटी के उपयोग के लिए प्रोत्साहन, छूट या उपहार जैसे प्रचारात्मक पुरस्कारों ने स्वायत्तता को बढ़ाया और परीक्षण के इरादे को प्रोत्साहित किया।

– एफआरपीटी को अपनाने में आने वाली बाधाएं-

जो खरीददार खुदरा विक्रेता से परिचित नहीं थे, मौजूदा भुगतान विधियों से संतुष्ट थे, सहायता की कमी महसूस करते थे, तथा अधिक खर्च के बारे में चिंतित थे, वे एफआरपीटी आजामने और उसे अपनाने के लिए कम इच्छुक दिखे।

जो खरीददार किसी रिटेलर या ब्रांड से अपरिचित थे वे एफआरपीटी के बारे में अधिक संशयी और अनिश्चित दिखे। एक व्यक्ति ने हमें बताया: ‘यदि आपने इसके बारे में कभी नहीं सुना है, तो आप समग्र रूप से थोड़े संशयी हो सकते हैं।”

शोध में पता चला है कि दुकानदारों ने भुगतान के लिए पसंदीदा तरीके अपना रखे हैं और स्वायत्तता की कम भावना के कारण वे एफआरपीटी को कम अपना रहे हैं।

एक व्यक्ति ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि मैं इसका इस्तेमाल करूंगा। मुझे लगता है कि मैं अब भी अपने कार्ड से भुगतान करना चाहूंगा।”

शोध में पता चला है कि भौतिक स्टोर में ऑनलाइन भुगतान के विपरीत, एफआरपीटी का इस्तेमाल पसंद किया जाता है। इसकी एक वजह यह है कि भौतिक स्टोर में एफआरपीटी के संभावित उपयोगकर्ता कर्मचारियों से सहायता मांग सकते हैं, लेकिन ऑनलाइन भुगतान करने पर ऐसा नहीं होता।

एक शोध प्रतिभागी ने बताया: ‘मैं निश्चित रूप से पहले किसी दुकान में जाकर देख लेना चाहता हूं। मुझे लगता है कि अगर कुछ गलत हो जाता है, तो आमतौर पर वहां कोई न कोई होता है जो उसे ठीक कर सकता है।’

ऐसे में शोध के दौरान खरीददारों के बीच एफआरपीटी के इस्तेमाल को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आई है। और अधिकतर लोगों ने इसे अधिक विश्वसनीय बनाने पर जोर दिया है।

(द कन्वरसेशन) जोहेब नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)