अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में मुकदमों की गति अत्यधिक धीमी; पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट लंबित |

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में मुकदमों की गति अत्यधिक धीमी; पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट लंबित

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में मुकदमों की गति अत्यधिक धीमी; पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट लंबित

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Modified Date: January 30, 2025 / 04:59 PM IST
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Published Date: January 30, 2025 4:59 pm IST

हेग(नीदरलैंड), 30 जनवरी (एपी) अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) द्वारा कांगो के सैन्य कमांडर थॉमस लुबांगा को बाल सैनिकों की भर्ती के लिए 2012 में 14 साल जेल की सजा सुनाये जाने के बाद से इसने विभिन्न मामलों में केवल 11 लोगों को दोषी करार दिया है और तीन फैसले लंबित हैं।

आईसीसी ने दर्जनों गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं, जिनमें इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के नाम शामिल हैं। लेकिन अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के समक्ष कई चुनौतियां हैं।

इंटरनेशनल फेडरेशन फॉर ह्यूमन राइट्स के डान्य चैकेल ने कहा, ‘‘मुकदमों की सुनवाई नहीं हो पाने से न्यायालय की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है। आईसीसी का काम अंतरराष्ट्रीय अपराधों के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ जांच करना और उनपर मुकदमा चलाना है।’’

मौजूदा अभियोजक एवं ब्रिटिश वकील करीम खान ने 24 गिरफ्तारी वारंट के लिए अनुरोध किया है। लेकिन कई संदिग्ध (पुतिन जैसे) अदालत के कठघरे से शायद दूर रहेंगे।

न तो रूस, ना ही इजराइल अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के सदस्य हैं तथा वे इसके अधिकार क्षेत्र को भी स्वीकार नहीं करते।

न्यायालय के 125 सदस्य देशों में से कई देश, राजनीतिक कारणों से संदिग्धों को गिरफ्तार करने के लिए तैयार नहीं हैं। मंगोलिया ने पिछले साल पुतिन की राजकीय यात्रा के दौरान उनका भव्य स्वागत किया था और उनकी गिरफ्तारी के वारंट को नजरअंदाज कर दिया था।

दक्षिण अफ्रीका और केन्या ने सूडान के पूर्व राष्ट्रपति उमर अल-बशीर को गिरफ्तार करने से इनकार कर दिया था। उमर (81) को 2019 में तख्तापलट के जरिए सत्ता से बेदखल कर दिया गया था, लेकिन सूडान के अधिकारियों ने उन्हें आईसीसी को सौंपने से इनकार कर दिया।

इटली का दावा है कि लीबिया के सरदार ओसामा अंजीम के लिए आईसीसी वारंट में प्रक्रियागत त्रुटियां थीं। रोम की अपीलीय अदालत के आदेश के तहत उसे इस महीने रिहा कर दिया गया।

इतालवी प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह सरकार का फैसला नहीं था।’’ लेकिन इटली, जो आईसीसी का संस्थापक सदस्य है, के पास वारंट को निष्पादित न करने के अपने कारण हो सकते हैं।

इस बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले दिन ही न्यायालय के कर्मचारियों को प्रतिबंधित करने वाले अपने पिछले कार्यकाल के शासकीय आदेश को बहाल कर दिया। वहीं, एक और अधिक नुकसानदेह कानून, जो न्यायालय को एक संस्था के रूप में प्रतिबंधित करेगा, कांग्रेस (अमेरिकी संसद) के एक सदन से पारित हो चुका है, लेकिन डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों के विरोध के कारण अभी सीनेट में अटका हुआ है।

पिछले हफ्ते कुछ घंटों के लिए ऐसा लग रहा था कि आईसीसी लीबिया के एक सरदार को हिरासत में लेने के लिए तैयार है। लेकिन इसके बजाय, इटली ने हिरासत केंद्रों के कुख्यात नेटवर्क के सरगना को वापस घर भेज दिया।

एपी सुभाष पवनेश

पवनेश

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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