बीजिंग: लद्दाख की सीमा को लेकर भारत और चीन के बीच लगातार तनाव जारी है। हालांकि दोनों देशों के बीच कई मर्ताबा बातचीत कर मसले को सुलझाने की कोशिश की गई, लेकिन बैठक बेनतीजा रहा। इसी बीच चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की निष्कासित एक नेत्री ने दोनों देशों के बीच जारी तनाव को लेकर बड़ा खुलासा किया है। बता दें कि कम्युनिस्ट पार्टी की पूर्व नेत्री काइ जिआ ने जिनपिंग पर आरोप लगाया था कि वह चीन के लोगों का आर्थिक और सामाजिक दिक्कतों से ध्यान भटकाने के लिए भारत और चीन के बीच विवाद भड़का रहे हैं, जिसके बाद उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था।
कम्युनिस्ट पार्टी की निष्कासित नेत्री काइ जिआ ने कहा है कि जिन लोगों को मैंने पढ़ा लिखाकर इस काबिल बनाया, उन्होंने ही आज मुझे पार्टी से बाहर निकाल दिया। कम्युनिस्ट पार्टी में अब अलग ही तरह की राजनीति हो रही है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पास अपार शक्तियां हैं, जिसके चलते पार्टी में कोई उनका विरोध नहीं करता है। लेकिन हाल में अमेरिका सहित कई देशों से हुए टकराव के बाद दबी जुबान से शी जिनपिंग का विरोध होने लगा है।
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जिआ ने आगे कहा कि वुहान से कोरोना महामारी पूरे देश-दुनिया में फैली। मौत के आंकड़ों को भी लेकर भी जानकारियां छिपाई गई हैं। सत्ताधारी पार्टी दुर्भावना ग्रस्त है, चीन टुकड़ों में बंटा है। पार्टी के नेता आपस में ही विरोधाभासी हैं। अधिकतर नेता भ्रष्टाचारी हैं, इसलिए वे राष्ट्रपति समेत किसी नेता के खिलाफ आवाज नहीं उठा सकते।
जिआ ने आगे बताया कि जो कोई भी खुलकर शी जिनपिंग के खिलाफ आवाज उठाता है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है। इससे पहले, चीन में सरकार के स्वामित्व वाली रियल एस्टेट कंपनी के पूर्व अध्यक्ष रेन झिकियांग को भी पार्टी के खिलाफ आवाज उठाने के चलते निष्कासित कर दिया गया था।
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